फतेहाबाद
कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है। ये कहावत फतेहाबाद के एक गांव में सच होती दिखाई दी। जी हां, जिले के जाट जांडवाला बागड़ गांव में एक अनोखी शादी देखने को मिली है। दरअसल, एक महिला अपनी बेटी की शादी कर रही थी, लेकिन महिला के भाई की मौत हो चुकी थी। जिसके बाद महिला के भाई के तौर पर पूरा गांव भाती बनकर पहुंच गया और 10 लाख रुपए का भात भर दिया। क्षेत्र में ही नहीं, पूरे प्रदेश में ऐसा पहला मामला होगा, जब बिना मां-बाप की अपने गांव की बेटी के लिए पूरा गांव भात भरने के लिए पहुंच गया।बता दें कि राजस्थान के पास स्थित गांव नेठराना की बेटी मीरा का विवाह फतेहाबाद के भट्टूकलां क्षेत्र के गांव जांडवाला बागड़ में महाबीर माचरा के साथ हुआ था। समय बीता और महाबीर माचरा व उनके पिता का भी देहांत हो गया। मीरा घर में अकेली थी। यही नहीं, विडंबना देखिए कि मीरा के पीहर में भी उनके पिता जोराराम बेनीवाल का पहले ही देहांत हो गया था। मीरा का एकमात्र भाई संतलाल बचा था, जो अविवाहित होने के चलते संत बन गया और उसके देहांत के बाद गांव में उसकी समाधि बना दी गई। मीरा की दो बेटियां मीनू और सोनू हैं, जिनका लालन पालन मीरा देवी ने ही किया। मीरा देवी ने अपनी बेटियों का विवाह गांव बनगांव व राजस्थान के राजगढ़ के पास स्थित गांव बिरमी पट्टा में किया है। पीहर में अब भात नुतने के लिए कोई नहीं था तो वह गांव नेठराना में स्थित अपने भाई की समाधि पर गई और वहीं पर टीका लगाकर भात नूत दिया। इस दौरान पूरा नेठराना गांव वहां एकत्रित हो गया। मीरा देवी की बेटियों की शादी में नेठराना से 700 महिला व पुरूष भातियों का हुजूम उमड़ पड़ा था। गांव जांडवाला बागड़ के लोग भी भातियों का लगातार स्वागत कर रहे थे। भातियों के स्वागत व टीका करने में मीरा को करीब पांच घंटे लगे। मौके पर मौजूद नेठराना के ग्रामीणों ने बताया कि वैसे तो पूरा गांव ही इस भात में आना चाहता था, लेकिन ज्यादा भीड़ ना हो, इसलिए हम अपने साधनों के साथ ही गांव में आए हैं।
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