डबवाली। गांव अबूबशहर में चौकीदार के पोते की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। घटना के बाद उसे परिजनों ने अस्पताल में पहुंचाया और तस्करों पर सुनियोजित हत्या के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है लेकिन पुलिसकर्मियों ने बयान दर्ज करने में आनाकानी की। जिसके बाद पुलिस पर आरोप लगे और डीएसपी ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर जानलेवा पदार्थ देने से मौत की धाराओं सहित केस दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
गांव के शेरगढिय़ा मोहल्ले में रमेश पुत्र चौकीदार ख्याली राम के बेटे रविंद्र को नशे की ओवरडोज में तड़पते हुए उसके चचेरे भाई भीमसेन पुत्र नरेश ने जगदीश उर्फ जग्गा के घर बरामद किया। इस मौके पर जानकारी देते हुए भीमसेन ने बताया कि रविंद्र को जब उसकी बदहाल स्थिति का कारण पूछा तो उसने इस मौके पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रमोद उर्फ गुलिया पुत्र इंद्र गायना, रचना पत्नी विनोद गोदारा, नवनीत पुत्र सुखपाल सिंवर, बिंद्र पुत्र प्रेम व जगदीश उर्फ जग्गा पुत्र ख्यालीराम निवासी अबूबशहर सहित 2 तीन अन्य ने उसे ज्यादा मात्रा में हेरोइन यानी चिट्टा जबरदस्ती दिया है। जिसके बाद रविंद्र की हालत और बिगड़ गई व उसे एंबुलेंस में अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और नशा देने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की मांग उठाई लेकिन रात को पुलिस ने सुबह कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शुक्रवार को चौटाला चौकी से आईओ श्रवण कुमार आदि मौके पर पहुंचे लेकिन परिजनों के बयान दर्ज करने में आनाकानी करने लगे। जिसके बाद मामला डीएसपी तक पहुंचा। आखिरकार डीएसपी के आदेश पर सदर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार व चौटाला चौकी इंचार्ज कृष्ण कुमार ने आईओ बहादुर सिंह को मौके पर भेजकर पीडि़तों के बयान दर्ज किए हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर शव पोस्टमार्टम उपरांत शाम को परिजनों को सुपुर्द किया है।
ग्रामीण बोले, सरेआम बेचते हैं नशा पुलिस कार्रवाई नहीं करती
गांव में नशे का इंजेक्शन लगाते युवक की मौत का मामला होने के बाद लोगों में तस्करों के प्रति रोष बना हुआ है वहीं पुलिस पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मौके पर जानकारी देते हुए लोगों ने बताया कि गांव के दर्जनों लोग नशाखोरी के जाल में फंसे हुए हैं लेकिन पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने में लापरवाही करती है। पिछले साल भी कुछ लोगों ने जागरूकता अभियान चलाया था और एक के बाद एक कई नशा तस्करों को पकड़ा गया था लेकिन पुलिस ने कुछ समय तो अच्छी कार्रवाई की बाद में शिकायत करने और जागरूकता से तस्करों की पोल खोलने वाले को ही केस में फंसा दिया गया था इसके बाद लोगों को डर है कि वे तस्करों और अपराधियों की सूचना में शिकायत करते हैं तो पुलिस से मिलीभगत कर उन्हें ही फंसा दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 3 साल में गांव में करीब 15 से अधिक नौजवानों की नशे की ओवरडोज से मौत हो चुकी है लेकिन रेट डर के मारे किसी को बता नहीं रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 2 अगस्त को गांव गंगा में भी नशे की ओवरडोज से युवक मृत पड़ा मिला था जबकि इससे पहले गांव सकताखेड़ा और लोहगढ़ व देसूजोधा में भी नशे की ओवरडोज देकर हत्या के मामले दर्ज हो चुके हैं।
समाज में नशा कर रहा सबसे ज्यादा नुकसान
डीएसपी राजेंद्र सिंह ने इस मौके पर जानकारी देते हुए कहा कि नशे के मामले में आमजन सहयोग करें। हम प्रत्येक तस्कर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। आमजन मेरे नंबर 88140-11605 पर सीधी और स्पष्ट सूचना दें। प्रत्येक सूचना के आधार पर उचित जांच करते हुए सुनिश्चित कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी ने कहा अपराधी समाज के लिए नुकसानदायक हैं और नशा सबसे बड़ा नुकसान कर रहा है। किसी पुलिसकर्मी की मिलीभगत सामने आती है तो उस पर भी कड़ा एक्शन लिया जाएगा। अबूबशहर मामले में भी आईओ ने बयान दर्ज करने में देरी क्यों की है? इसका जवाब लेते हुए एसएचओ को सुनिश्चित और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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