सिरसा,
जिला में अवैध खनन की रोकथाम व अवैध खनन के मामलों में सख्ती से निपटने के लिए सभी हितधारकों के मार्गदर्शन के लिए खान और भूविज्ञान विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इस एसओपी के तहत संबंधित विभाग अवैध खनन के संबंध में आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता शुक्रवार को अपने कार्यालय में पुलिस, डीटीओ, वन व खनन विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन रोकने के संबंध में तैयार एसओपी के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस एसओपी को राज्य नियम, 2012 के प्रावधानों के अनुरूप मुख्यत: चार श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें अवैध खनन गतिविधियों के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और संरक्षण, शिकायत/सूचना पर अवैध खनन की जांच, वैध परमिट के बिना खनन सामग्री ले जाने वाले वाहन, खनन करने वाले खनिज रियायत धारक स्वीकृत खनन योजना/पर्यावरण मंजूरी (ईसी) की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं, शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन एवं पर्यावरण से संबंधित जारी हिदायतों की पालना सुनिश्चित की जाए। अवैध खनन वाले इलाकों कीे समीक्षा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से स्थल का दौरा किया जाए व अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। अवैध खनन की शिकायत मिलने पर माइनिंग व पुलिस विभाग के अधिकारियों की कमेटी तुरंत अवैध खनन स्थल का निरीक्षण करेगी, यदि अवैध खनन का क्षेत्र वन भूमि में आता है, तो इस स्थिति में वन विभाग और राजस्व विभाग का प्रतिनिधि भी कमेटी में शामिल होगा। यह टीम निरीक्षण के दौरान उस क्षेत्र की वीडियोग्राफी भी करवाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से करवाई जाए तथा इसमें प्रति महीने की गई कार्यवाही रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि जो वाहन अवैध खनन में लगे हुए है उन वाहनों को भी जब्त कर जुर्माना लगाया जाये। अन्य राज्यों से लगते क्षेत्रों में अवैध खनन में लगे वाहनों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए नाके लगाये जायें। इसके अलावा, वाहनों के परमिट की भी जांच की जायेे। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के संबंध में दर्ज मामलों में भी कार्यवाही करें तथा न्यायालय में विचाराधीन मामलों की ठोस पैरवी की जाए। इस अवसर पर डीटीओ संजय सिंह, जिला वन अधिकारी नवल किशोर, डीएसपी धर्मबीर सिंह व जिला खनन अधिकारी राजेश कुमार भी उपस्थित थे।
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