सिरसा के नागरिक अस्पताल में गुरुवार को महिला और उसके परिजनों ने हंगामा किया। महिला ने कहा कि उसे अस्पताल में बच्चा हुआ और उसके बच्चे को स्टाफ ने गायब कर दिया है। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला अस्पताल में प्रसव के लिए दाखिल ही नहीं हुई, न ही उसके बच्चा जनने का कोई रिकॉर्ड है। दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप से अस्पताल में हंगामे के हालात रहे।
जसवीर ने बताया कि 30 अप्रैल को वह अपनी गर्भवती पत्नी प्रवीण को नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया था। डॉक्टरों ने उन्हें 1 मई को बच्चा होने की बात कही। इसी दौरान प्रवीण के अत्यधिक प्रसव पीड़ा होनी शुरू हो गई। इसके चलते डॉक्टर को ऑपरेशन कर बच्चा उठाने की बात कही गई। डॉक्टर ने उन्हें ऐसा करने पर जच्चा-बच्चा की जान को खतरा होने का अंदेशा बताया।
जसवीर का कहना है कि इसके चलते अस्पताल में ही उसकी पत्नी का निरंतर इलाज चलता रहा। बुधवार को दोपहर 12:15 बजे उसकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। इस पर अस्पताल स्टाफ द्वारा बच्चे का वजन कम होने की बात कहकर उसे नर्सरी में भिजवा दिया गया। जबकि नर्सरी में पहुंचाने से पहले पारिवारिक सदस्यों को बच्चा नहीं दिखाया गया।
वहीं महिला प्रवीण ने बताया कि बच्चे के जन्म लेने के बाद उसके पेट पर बच्चे को सुलाया गया था। उसकी रोने की आवाजें भी उसे सुनाई दी थी। गुरुवार को विवाद तब हुआ जबकि सुबह प्रवीण ने अस्पताल स्टाफ से गुहार लगाई कि उसे उसके बच्चे से मिलाया जाए।
तब अस्पताल के स्टाफ ने उसे बताया कि आप तो अस्पताल में दाखिल ही नहीं हैं, आपको बच्चा कहां से दें। अस्पताल स्टाफ की इस बात को सुनकर महिला व उसके पारिवारिक सदस्य सकते में आ गए और उन्होंने अस्पताल में बच्चा लेने की गुहार लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
अस्पताल के डॉ राहुल गर्ग ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। अस्पताल के रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। मामले की इन्वेस्टिगेशन चल रही है, जिस डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है, वह जेल ड्यूटी पर गया हुआ है। उसके आने के बाद में ही स्थिति व वास्तविकता स्पष्ट हो पाएगी।
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