डबवाली।
शहर की अग्रणी संस्था आर्य समाज की ओर से शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन अध्यक्ष एसके आर्य के सानिध्य में पूर्ण वैदिक पद्धति से किया गया। जिसमें संरक्षक डॉ. भारत भूषण छाबड़ा ने मुख्य यजमान के तौर पर आहुतियां डाली, जबकि यज्ञ ब्रह्मा का दायित्व विजय कुमार शास्त्री ने निभाया। इस मौके विजय कुमार शास्त्री ने कहा कि भारत वर्ष में ही नहीं बल्कि समस्त संसार में श्री कृष्ण का जन्मदिन भाद्रपद माह की अष्टमी को जन्माष्टमी के रूप में पूरी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि योगीराज श्री कृष्ण सोलह कालाओं के ज्ञाता थे। जिन्होंने भारतीय वैदिक व सनातन संस्कृति का पौषण किया। उन्होंने कहा कि भारतीय तीज त्यौहार हमें प्राचीन संस्कृति की याद दिलाते हैं और हमें प्रेरणा और ऊर्जा मिलती है। तदोपरांत स्त्री आर्य समाज डबवाली की प्रमुख नीलम राये व रजनी सुंधा ने संयुक्त रूप से ''तेरे दर को छोड़ कर किस दर जाऊं मैं, सुनता मेरी कौन है किसे सुनाऊं मैं'' एवं ''वेला अमृत गया आलसी सो रहा बन अभागा, साथी सारे जगे तूं न जागा'' आदि प्रेरणादायी भजन प्रस्तुत किए। इस दौरान डॉ. भारत भूषण छाबड़ा, अध्यक्ष एसके आर्य के अनुज रविंद्र आर्य, राजिंद्र आर्य व विशाल अग्रवाल के जन्मदिन की बधाई देते हुए उनकी दीर्घायु व उत्तम स्वास्थ्य की शुभकामनाओं के साथ परमपिता परमात्मा से सभी के सुख, समृद्धि हेतु करबद्ध प्रार्थना की गई। इस मौके कोषाध्यक्ष भारत मित्र छाबड़ा, महामंत्री डॉ. रामफल आर्य, अमितराज मेहता, सुरेंद्र कुमार एलटी, प्रो. ममता आर्य, श्लोक आर्य, तेजस आर्य लड्डू, प्रो. भीम राये, मनुदेव, गौरव, खुशदीप सहित कई अन्य मौजूद थे। जयघोष व शांतिपाठ के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
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