शिरोमणि अकाली दल ने चंडीगढ़ पुलिस से आम आदमी पार्टी के उन विधायकों के मोबाइल फोन जब्त करने की अपील की, जिन्होंने भाजपा पर वफादारी बदलने के लिए 25-25 करोड़ रुपए की पेशकश करने के आरोप लगाए। शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता एन.के. शर्मा और परमबंस सिंह रोमाणा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एस.एस.पी.) को एक शिकायत सौंपी, जिसमें कहा गया कि आप पार्टी द्वारा लगाए गए आरोप कि गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर उसके विधायकों को खरीदने का प्रयास किया गया, यह बेहद गंभीर है और इसकी गहनता से जांच की जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘अगर आरोप सही हैं तो भाजपा नेताओं या बिचौलियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। अगर आरोप गलत साबित होते हैं तो आप पार्टी के सभी विधायकों के साथ-साथ वित्त मंत्री हरपाल चीमा और अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जानी चाहिए, जिन्होंने रिश्वतखोरी का दावा किया है।
एन.के. शर्मा ने कहा कि चूंकि कुछ कॉल और कुछ घटनाओं के बारे में प्रैस कांफ्रैंस की गई थी, इसीलिए चंडीगढ़ पुलिस को मामले की जांच का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि एक विधायक शीतल ने यह भी दावा किया है
कि उन पर हमला किया गया और उनके व्यक्ति को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इस आरोप की जांच की जानी चाहिए और विधायकों को हमले के समय और स्थान के साथ धमकी का खुलासा करने के लिए कहा जाना चाहिए
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठाने की साजिश हो सकती है। आम आदमी पार्टी यह दिखाने पर तुली है कि कांग्रेस के विधायक बिक्री योग्य हैं, जबकि दिल्ली और पंजाब दोनों में उसके विधायक पार्टी के पीछे चट्टान की तरह खड़े हैं, यहां तक कि उनकी वफादारी को खरीदने के प्रयासों को भी खारिज कर दिया गया है। शर्मा ने कहा कि आप पार्टी ने दिल्ली में ऐसा ही नाटक किया था, जहां उसने अपने विधायकों को खरीदे जाने का हल्ला मचाया था और फिर सरकार के पक्ष में विश्वास मत पारित करने के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया था। उन्होंने कहा कि पार्टी पंजाब में भी यही ड्रामा करने की तैयारी कर रही है।
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