चुनावी माहौल में शिक्षा विभाग गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुका है। मंगलवार को डीईओ ने सभी बीईओ की विशेष बैठक बुलाई। इसमें सभी बीईओ को अपने खंड के अधीन चल रहे गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले निजी स्कूलों की सूची दो दिन के अंदर सार्वजनिक किए जाने के सख्त निर्देश दिए।
ऐसे स्कूलों में अब बच्चों के दाखिला पर भी सख्त मनाही
दरअसल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की जनहित याचिका में हरियाणा सरकार की तरफ से शपथ पत्र दिए जाने के बाद से ही गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों के अस्तित्व पर संकट छा गया है। ऐसे स्कूलों में अब एक अप्रैल से बच्चों के दाखिला पर भी सख्त मनाही है। वहीं नए शिक्षा सत्र 2024-25 में अगर इन स्कूलों के अंदर बच्चों के दाखिला अभिभावक कराते हैं तो वे इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे। बैठक में डीईओ नरेश महता ने कहा कि जिले के सभी खंड भिवानी, तोशाम, लोहारू, बहल, सिवानी, बवानीखेड़ा, कैरू के अधीन चल रहे सभी गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की सूची को सार्वजनिक करें। इसके लिए अखबारों में भी ये सूची प्रकाशित कराई जाएं। वहीं खंड स्तर के बाद जिला स्तर पर सभी सात खंडों की एक सामूहिक सूची तैयार होगी, जिसे डीईओ इसी सप्ताह सार्वजनिक करेंगे।
रिहायशी कॉलोनियों में धड़ल्ले से चल रहे प्ले स्कूल
गैर मान्यता और अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग का शिकंजा कस रहा है तो वहीं प्ले स्कूलों की भी बाढ़ सी आ गई है। रिहायशी मकानों और इलाकों में प्ले स्कूल खुल गए हैं, जिनके संबंध में मान्यता व छोटे बच्चों की सुरक्षा के मानक भी दांव पर लगे हैं।
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