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चौटाला फैमिली पर भाजपा की सियासत: इनेलो-जजपा को पटखनी देने के लिए आदित्य


डबवाली। हरियाणा में भाजपा ने मिशन 2024 के तहत पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के कुनबे को लेकर अपनी सियासत शुरू कर दी है। इनेलो और जजपा को पटखनी देने के लिए कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला और भतीजे आदित्य चौटाला का कद बढ़ा रही है।इसकी शुरुआत अमित शाह की सिरसा में हुई रैली से हुई। यहां निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को तवज्जो दी गई। इसके साथ ही उनके भतीजे हरियाणा कृषि मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन आदित्य चौटाला को नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड का सीनियर वाइस

चेयरमैन बनाकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। प्रदेश में इनेलो और जजपा चौधरी देवीलाल के नाम पर राजनीति कर रही है। भाजपा ने इन दोनों नेताओं के कद बढ़ाकर तेवर दिखाने वाली गठबंधन सहयोगी जजपा और इनेलो को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि चौधरी देवीलाल की विरासत के दो उत्तराधिकारी भाजपा में भी है। रैली के तीन दिन बाद ही नया पद 18 जून को सिरसा में मंच पर शाह ने निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को बुलवाया। गृह मंत्री ने रैली खत्म होने के बाद उनके निवास पर जाकर चाय भी पी। शाह ने अपने संबोधन में चौधरी देवीलाल का नाम लिया। रैली खत्म होने के तीन दिन बाद ही आदित्य चौटाला को नेशनल काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड का सीनियर वाइस चेयरमैन बनाया गया है।

भाजपा ने आदित्य चौटाला को यह पद देकर उनका कद और बढ़ा दिया है। सिरसा में शाह की रैली के तीन दिनों बाद ही आदित्य को यह जिम्मेदारी दी गई है। आदित्य को अमित शाह ने ही ये जिम्मेदारी दी। गृह मंत्री इस जिम्मेदारी के बाद जिलाध्यक्ष से उसके इस्तीफे की मांग करने वाले पूर्व चेयरमैन के गुट को पार्टी ने झटका दिया है। इस गुट ने सिरसा में सीएम के जनसंवाद कार्यक्रम से आदित्य चौटाला को लेकर ही दूरी बनाए रखी थी। सीनियर वाइस चेयरमैन को ही चेयरमैन बनाने का नियम सीनियर वाइस चेयरमैन का कार्यकाल पांच साल का होता है। पांच साल बाद सीनियर वाइस चेयरमैन को चैयरमैन बनाए जाने का नियम है। कृषि और मार्केटिंग बोर्ड से संबंधित पॉलिसी बनाने में सीनियर वाइस चेयरमैन की भूमिका रहती है।

रणजीत और आदित्य की क्यों रणजीत चौटाला अपने बड़े भाई पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ राजनीति करते आए हैं। वे कई बार उनके सामने भी चुनाव लड़ चुके हैं। विधानसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की टिकट न मिलने पर रणजीत ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जबकि जगदीश चौटाला के बेटे आदित्य चौटाला ने अपनी राजनीति भाजपा से ही शुरू की। आदित्य चौटाला के पूर्व सीएम ओपी चौटाला और जजपा नेताओं के साथ राजनीतिक रिश्तों के साथ- साथ पारिवारिक रिश्ते भी मधुर नहीं है। इसलिए भाजपा रणजीत चौटाला और आदित्य चौटाला का राजनीतिक कद बढ़ा रही। देवीलाल के कुनबे को साधने में जुटी भाजपा

मौजूदा समय में चौधरी देवीलाल के कुनबे के तीन परिवार भाजपा के साथ हैं। चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला सरकार में निर्दलीय विधायकों के कोटे से मंत्री हैं। चौधरी देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला भाजपा के जिलाध्यक्ष, हरियाणा कृषि मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन के साथ साथ अब नेशनल काउंसिलिंग ऑफ स्टेट एग्रीकल्चर बोर्ड का सीनियर वाइस चेयरमैन बनाया है। वहीं पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम हैं। जबकि राष्ट्रपति चुनाव में इनेलो ने भी भाजपा को ही वोट दिया है। चौटाला परिवार पर नहीं कोई टिप्पणी हरियाणा में मिशन 2024 का आगाज करने रविवार को सिरसा में अमित शाह पहुंचे थे। अमित शाह ने कांग्रेस और पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधा। शाह ने अपने भाषण में चौधरी देवीलाल पर कोई टिप्प्णी नहीं की। गठबंधन पर भी कुछ नहीं बोले। ताकि चुनावों के बाद जरूरत पड़ने पर दोनों दलों में से किसी को भी साथ लेकर चलने में दिक्कत न हो। भाजपा का देवीलाल परिवार से पुराना रिश्ता

भाजपा और चौधरी देवीलाल के परिवार का पुराना रिश्ता है। 1987 के चुनावों में तत्कालीन लोकदल के साथ भाजपा का गठबंधन रहा। इसके बाद 1999 में भाजपा का हरियाणा विकास पार्टी के साथ गठबंधन था, लेकिन भाजपा ने हविपा से गठबंधन तोड़ ओपी चौटाला की पार्टी इनेलो से गठबंधन किया। तब ओपी चौटाला मुख्यमंत्री बने । 1999 के लोकसभा चुनाव में इस गठबंधन ने 10 सीटें जीती। हालांकि 2004 में यह गठबंधन टूट गया था। अब ओपी चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला गठबंधन के सहयोगी हैं। ReplyForward


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