गुहला/चीका
कन्या महाविद्यालय चीका की छात्राओं के वॉट्सऐप ग्रुप में पिछले दिनों एक शिक्षक द्वारा लिंक डाले जाने के मामले में कॉलेज प्रबंधन द्वारा विभागीय कार्रवाई न किए जाने को लेकर लोगों में भारी रोष है। इतना ही नहीं यह मामला बी.ए.बी.एम.सी. का होने के चलते पूरा कॉलेज भी इस बात से नाराज है कि यह मामला महज एक विभाग का होने के चलते भी इससे पूरे कॉलेज का नाम खराब हुआ है। हालांकि इस मामले में स्थानीय लोगों का कथन है कि जब सामान्य तौर पर किसी महिला को ताड़ने पर या उसे किसी भी तरह का अश्लील ईशारा करने पर भी कानूनी कार्रवाई बनती है, तो जिस शिक्षक द्वारा छात्राओं को निड़रता पूर्वक अश्लील लिंक भेजा गया। उसके खिलाफ महज आई.टी.एक्ट की कार्रवाई की गई। यह मामला जितना कठोरता से लेना चाहिए था, उतना ही ढ़ीला छोड़ दिया गया। लोगों का यह भी कहना है कि यदि यह मामला कॉलेज के बाहर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया गया होता तो उसे शायद आज तक भी जमानत तक न मिल पाती। इस मामले में लोगों ने सोशल मीडिया पर चर्चाओं दौरान विभाग की एक्सटेंशन लेक्चर्र रखने की पॉलिसी गाईडलांइस के नियम 18 का हवाला तक देते हुए कहा कि प्रिंसीपल की शक्तियां बताती हैं कि कोर्ट में मामला विचाराधीन होना, इसमें कोई मायने नहीं रखता।सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं में अलग-अलग लोगों द्वारा प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। जिसको लेकर इसे सही मायने में यह मामला आचरण से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर रूल 18 के प्रति भी पोस्ट की गई है, जिसके चलते नियम 18 का हवाला देते हुए बताया गया है कि नियम यह कहता है कि यदि किसी एक्सटेंशन लेक्चर्र का कार्य और आचरण संतोषजनक नहीं पाया जाता तो संबंधित प्रिंसिपल द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और यदि यह संतोषजनक नहीं पाया जाता तो उसकी नियुक्ति समाप्त कर दी जाएगी। दूसरी तरफ इस मामले को लेकर लोग इस कदर आक्रोषित नजर आ रहे हैं कि आज कॉलेज के बाहर भारी संख्या में लामबद न हो जाएं और कार्रवाई न किए जाने को लेकर रोष भी जाहिर करें।
चर्चाओं में डॉक्टर चरणदास आज देंगे अनिश्चितकालीन धरना
इस मामले को लेकर चर्चाओं में आए डा.चरणदास द्वारा आज किए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने के ऐलान को लेकर लोगों ने जहां उनकी बेटियों के प्रति निभाई जा रही कर्तव्य निष्ठा की सराहना की जा रही है। इस मामले में आज सबुह 11 बजे का समय डा.चरणदास द्वारा दिया गया है जिसके चलते वे कॉलेज के गेट के बाहर अनिश्चित कॉलीन धरने पर बैठने जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में आगामी कार्रवाई क्या होती है, अभी कहा नहीं जा सकता। लेकिन इतना जरूर तय है कि एक तरफ छात्राओं में कॉलेज के नाम खराब होने का आक्रोश है तो दूसरी तरफ लोगों में क्षेत्र की बेटियों को इंसाफ दिलाने का जनून और आरोपी शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई करवाने का मकसद। यदि यह संघर्ष सफलता हासिल करता है तो यह क्षेत्र के उन लोगों की जीत होगी जिन्होंने इस सत्य को बाहर लाने व सत्य को लेकर इस युद्ध रूपी हवन में अपने सहयोग की आहूति डालने का काम किया व साहस किया।हालांकि इस मामले में प्रिंसीपल डा.रामनिवास यादव का कथन यही रहा है कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। वे खुद भी चाहते हैं कि संबंधित शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई हो, लेकिन इसके लिए या तो कोर्ट द्वारा आदेश जारी हों या फिर उच्चतर शिक्षा विभाग से उच्चाधिकारी कार्रवाई करें। उसके अनुरूप ही वे कार्रवाई करेंगे।
Comments