अभय सिंह चौटाला ने शीतकालीन सत्र के प्रश्रकाल के दौरान प्रश्रकाल के दौरान खिलाडिय़ों के साथ यौन उत्पीडऩ पर प्रश्र पूछा, महिला कोच के साथ यौन शौषण के मामले में मंत्री के जवाब से नहीं हुए संतुष्ट
जहरीली शराब से हुई लोगों की मौत पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पूछे सवाल
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में केवल 57.2 प्रतिशत मामलों में पुलिस ने चार्जशीट की है दाखिल: अभय सिंह चौटाला
कहा - यौन शोषण पीडि़ता महिला कोच को प्रोटेक्शन देने की बजाय सस्पैंड कर दिया, महिला कोच पर केस वापिस लेने के लिए बनाया गया दबाव, मंत्री संदीप सिंह को बचा रही भाजपा सरकार
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पूछे गए सवाल: सोनीपत में हुए जहरीली शराब कांड में जिन अधिकारियों ने गलत आंकड़े पढ़वाए थे उनके खिलाफ 15 दिन के अंदर कार्रवाई करने की बात कही थी, यह बताएं कि उसमें आपने आज तक क्या किया? जांच के अंदर जो एल1, एल13 है जहां गोदाम बनाए गए हैं उनके अंदर 75 हजार 250 शराब की पेटियां कम पाई गई हैं उसके लिए कौन जिम्मेवार है? जो लोग जिम्मेवार हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है? जिनके खिलाफ कार्रवाई की है उनके नाम क्या हैं? जो विजिलैंस से जांच करवाई उसकी रिपोर्ट कहां है? वो विजिलैंस की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत क्यों नहीं की? उस रिपोर्ट में जिनके नाम आए थे वो कौन लोग थे? मंत्री ने यह माना है कि उन्होंने सीसी टीवी और क्यूआर कोड का काम अभी शुरू किया है तो पिछले चार साल से क्या कर रहे थे?
चंडीगढ़, 18 दिसंबर। ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्रकाल के दौरान खिलाडिय़ों के साथ यौन उत्पीडऩ पर प्रश्र पूछते हुए कहा कि सरकार यह बताए कि यौन शोषण के मामले में जितनी शिकायते आपके पास आई हैं, क्या सभी पर कार्रवाई हुई है? 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या 16 हजार 658 थी जो यह संख्या 2022 में बढ़ गई। उसके बाद पुलिस की तरफ से जो कार्रवाई होनी चाहिए थी उसमें भी केवल 57.2 प्रतिशत मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। जबकि अपराध की संख्या देखी जाए तो बहुत बड़ी है। यह बताएं कि बाकी लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? आपने बाकी सभी जगह तो जहां भी शिकायत आई वहां तुरंत एक्शन ले लिया, उनको गिरफ्तार भी कर लिया, उनको सस्पैंड भी कर दिया और उनके खिलाफ कोर्ट में चलान भी पेश कर दिए। लेकिन हरियाणा प्रदेश की एक महिला कोच जिसने आपके मंत्री के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज करवाई, सरकार ने उस मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की उलटा उस मंत्री का हर जगह बचाव किया। वहीं चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से मंत्री के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई तो यह भी आप बताएं कि उस मंत्री के खिलाफ आपने क्या कार्रवाई की? कार्रवाई न करने का कारण भी बताएं?
मंत्री द्वारा दिए गए जवाब से अभय सिंह चौटाला संतुष्ट नहीं हुए और उनसे पूछा कि मंत्री ने कह दिया कि महिला कोच का मामला चंडीगढ़ से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि चाहे मामला चंडीगढ़ की कोर्ट में है लेकिन मंत्री और शिकायतकर्ता कोच दोनो ही हरियाणा प्रदेश के हैं, इसलिए मामला हरियाणा से भी जुड़ा हुआ है। मंत्री ने कहा कि ममता सिंह की रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासन को दे दी फिर उस रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया? मंत्री ने सदन में जो जवाब दिया है उसमें ममता सिंह की रिपोर्ट भी दे देते। महिला कोच को प्रोटेक्शन देने की बजाय उसकों सस्पेंड कर दिया। महिला कोच पर यह दबाव बनाया गया कि किसी तरीके से वो केस को वापिस ले ले। मतलब आप ने अपने मंत्री का बचाव किया है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि चाहे मुकदमा चंडीगढ़ में दर्ज हो, चाहे दिल्ली में दर्ज हो या कहीं और दर्ज हो, हरियाणा सरकार से जुड़ा हुआ व्यक्ति अगर उसमें शामिल है तो उसके खिलाफ कार्रवाई सरकार करेगी या कोई और दूसरा करेगा? अगर मंत्री इस मामले में संलिप्त है और एक कोच के साथ इस तरह से दुर्व्यवहार हो रहा है और मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती तो जिस हरियाणा प्रदेश की बेटियां पूरे देश के अंदर सबसे ज्यादा मेडल लेकर आती हैं वहां कौन मां-बाप अपनी बेटियों को स्टेडियम में भेजेगा?
अभय सिंह चौटाला ने यौन शोषण के आरोपी मंत्री संदीप सिंह के उपर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। सदन में मंत्री द्वारा दिए गए जवाब में यौन शोषण के आरोपी मंत्री संदीप सिंह पर कार्रवाई के लिए कोई ठोस जवाब न मिलने पर अभय सिंह चौटाला ने सदन से वॉकआऊट किया।
जहरीली शराब से हुई मौतों पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पूछे सवाल
अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश के यमुनानगर और अंबाला जिलों में जहरीली शराब से हुई मौतों पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को पढ़ा और मंत्री के जवाब देने पर बोलते हुए कहा कि मंत्री ने बहुत लंबा चौड़ा जवाब बना कर दिया है इसमें इतनी कमियां और खामियां है कि स्वयं पढ़ते पढ़ते ही परेशान हो गए और स्वयं कह दिया कि कम से कम उनसे सदन में इस तरह की गलत रिपोर्टिंग न करवाई जाए। आप से कितना बढ़ा झूठ बुलवाया गया है कि नशे की ओवर डोज और नकली दवाओं के अधिक सेवन के कारण 2017 से 2022 तक केवल 34 मौत हुई है। ओवर डोज की वजह से हुई मौतों की जिस भी अधिकारी ने रिपोर्ट बनाकर दी है उसने बहुत गुमराह करने का काम किया है। जहरीली शराब की वजह से 20 मौतें तो अंबाला और यमुनानगर में हो गई। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब अखबार के अंदर जिला फतेहाबाद और जिला सिरसा के डबवाली, रानियां की ओवर डोज के कारण हुई मौत की खबर न छपती हो। हर रोज लोग मर रहे हैं। मंत्री द्वारा तथ्य प्रस्तुत करने की बात कहने पर कहा कि हर रोज अखबार में छप रहा है इससे बड़ा तथ्य और क्या होगा । उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में अब तक 400-500 लोगों की मौत हो चुकी है जिनकी उम्र 18 साल से 25 साल की है। मंत्री से कहा कि सोनीपत में हुए जहरीली शराब कांड में हुई मौत के आपने विधानसभा सत्र में जो आंकड़े प्रस्तुत किए थे उनमें और आपने जो आंकड़े लोकसभा मेें भेजे थे उनमें अंतर था। उस समय सदन में आपने यह बात कही थी कि जिन अधिकारियों ने गलत आंकड़े पढवाए हैं उनके खिलाफ 15 दिन के अंदर कार्रवाई करूंगा। यह भी बताएं कि उसमें आपने क्या किया आज तक? अधिकारी कौन था उसका नाम भी बताओ जिसने इस तरह की गलत रिपोर्टिंग आप से करवाई? हाल ही में जो शाराब का घोटाला हुआ और जहरीली शराब से जो मरे हैं उसके बाद जो जांच करवाई गई है, उस जांच के अंदर जो एल1, एल13 है जहां गोदाम बनाए गए हैं उनके अंदर 75 हजार 250 शराब की पेटियां कम पाई गई हैं उसके लिए कौन जिम्मेवार है? जो लोग जिम्मेवार हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है? जिनके खिलाफ कार्रवाई की है उनके नाम क्या हैं ? आपने पहले टीसी गुप्ता से जांच करवाई फिर एक विजिलेंस विभाग के आईपीएस अधिकारी से जांच करवाई। जो विजिलेंस से जांच करवाई उसकी रिपोर्ट कहां है? वो विजिलेंस की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत क्यों नहीं की? उस रिपोर्ट में जिनके नाम आए थे वो कौन लोग थे? अगर समय रहते लॉकडाऊन के दौरान जो गड़बड़ी हुई थी उसके उपर सख्त कार्रवाई करते तो आज इन सब चीजों के लिए आपको कटघरे में खड़ा नहीं होना पड़ता और न ही इस तरह के हालात पैदा होते। इसका एक बड़ा कारण 21 हजार से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल और अन्य कर्मचारियों की कमी है। आपको सदन के अंदर सारी जानकारी देनी चाहिए। आपके आबकारी विभाग द्वारा बताया गया कि हम सीसी टीवी कैमरे लगवांगे और क्यूआर कोड लगाएंगे लेकिन 2020-21 की कैग की रिपोर्ट के अंदर सपष्ट दिया गया है कि सरकार जो सीसी टीवी लगाने का जो दावा करती रही है असल में सरकार ने विभाग के नियमों की पालना ही नहीं की है। उसके अलावा शराब बनाने वाली फैक्ट्रियों में इलैक्ट्रिक फ्लो मीटर लगाए जाने थे वो भी नहीं लगाए गए। कैग की रिपोर्ट का यह भी कहना है कि डिस्टलरी द्वारा बनाई गई शराब के अतिरिक्त न्यूटरल अल्कोहल की मात्रा का निर्धारण और निगरानी के लिए कोई भी फ्लो मीटर नहीं लगाया गया। मंत्री ने यह माना है कि उन्होंने सीसी टीवी और क्यूआर कोड का काम अभी शुरू किया है तो पिछले चार साल से क्या कर रहे थे?
अभय सिंह चौटाला ने गृह मंत्री से पूछा कि क्या आपने कैग की रिपोर्ट पढ़ी है? तो मंत्री ने कहा कि नहीं पढ़ी। इसपर अभय सिंह ने कहा कि क्यों नहीं पढ़ी? मंत्री को जवाब देना है तो उनको कैग की रिपोर्ट पढऩी चाहिए। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार 2020 और 2021 में प्रदेश के राजस्व को 106 करोड़ 75 लाख रूपए की चपत लगाई गई है जिसको ऑडिट में सही माना गया है।
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