रेलवे ने किसान आंदोलन को देखते हुए अब तीन दिवसीय शेडयूल की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो ट्रेनें पहले एक दिन के लिए रद्द की जाती थी, अब उन्हें तीन दिन के लिए रद्द करने के निर्देश रेलवे ने दिए हैं। वहीं लंबी दूरी की 101 ट्रेनों के संबंध में कुछ परिवर्तन किया गया है। इसमें से 41 ट्रेनों को धूरी-जाखल के रास्ते तो 60 ट्रेनों को चंडीगढ़-साहनेवाल के रास्ते चलाने का फैसला किया है।
हालांकि धूरी-जाखल के रास्ते संचालित ट्रेनों को गंतव्य तक पहुंचने में काफी समय लग रहा है जबकि चंडीगढ़-साहनेवाल रेल सेक्शन के 50 किमी के हिस्से को पार करने में भी तीन से चार घंटे का समय लग रहा है। ऐसे में इसका खामियाजा उन यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है जो दो माह पहले ही ट्रेनों में आरक्षण करवा चुके थे।
17 अप्रैल से शंभू रेलवे स्टेशन पर शुरु हुए किसान आंदोलन के कारण रेलवे की व्यवस्था चरमराई हुई है क्योंकि एकल मार्ग पर ही मेल व एक्सप्रेस सहित मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में मेल व एक्सप्रेस कुछ घंटे नहीं बल्कि 12 से 14 घंटे की देरी से चल रही हैं। इस परेशानी के समाधान के लिए रेलवे कार्रवाई में जुटा हुआ है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि ऐसी ट्रेनों को चिह्नित करें और उन्हें एकल मार्ग से जल्दी निकालने का प्रबंध करें। इसमें रेलवे द्वारा संचालित ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेनें भी शामिल हैं।
16 वें दिन भी प्रभावित रहा संचालन
अंबाला-लुधियाना रेल सेक्शन के प्रभावित होने से पंजाब, जम्मू व बठिंडा की तरफ आवागमन करने वाले यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है। मुख्य लाइन के बंद होने से ट्रेनों का पूरी तरह से संचालन नहीं हो रहा है। किसान आंदोलन के 16 वें दिन भी 178 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। रेलवे ने सुरक्षा कारणों से 69 ट्रेनों को पूर्ण रुप से रद्द रखा, जबकि 101 ट्रेनों को बदले मार्ग से चलाया गया। वहीं 8 ट्रेनों को बीच रास्ते रद्द करके पुन: चलाया गया।
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