डबवाली।
शहर डबवाली के साथ लगते पंजाब एरिया का एक परिवार कार से राजस्थान के सालासर धाम जा रहा था। जहां राजस्थान के महाजन के पास ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। हादसे में परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई। पीड़ित परिवार डबवाली के साथ लगते पंजाब एरिया की गली का रहने वाला था।
मृतकों की परिजन नीतू ने बताया कि गुरुवार सांय करीब 7 बजे उसके सास- ससुर, दो देवर, दो ननद कार में सवार होकर सालासर के लिए रवाना हुए। वहीं, रात्रि करीब 10 बजे राजस्थान के महाजन थाना पुलिस ने जैतपुर टोल प्लाजा के पास भारतमाला सड़क पर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी दी।
बच्ची ने अस्पताल में तोड़ा दम
पुलिस ने बताया कि कार में सवार 6 लोगों में से पांच की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है। जबकि एक बच्ची को पल्लू अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने भी दम तोड़ दिया। कार बुरी तरह से ट्रक में टकराने से क्षतिग्रस्त हो गई।
परिवार का मुखिया चलता था ई-रिक्शा
कार में सवार सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य थे। जिसमें मृतक परिवार का मुखिया शिव कुमार (55 वर्षीय) बैटरी का रिक्शा चलाकर सवारियां ढोने का कार्य करता था। जबकि मृतका आरती 50 वर्षीय जोकि लोगों के घर में झाड़ू पोछा लगाने का कार्य करती थी। मृतक नीरज कुमार (23 वर्षीय) जोकि देवीलाल पार्क के सामने मेडिकल स्टोर चलाने का कार्य करता था। जबकि मृतक की बेटी सुनैना (24 वर्षीय) जोकि बठिंडा में प्राइवेट नौकरी कर रही थी।
12वीं की पढ़ाई कर रही थी भूमि
मृतका भूमि (17 वर्षीय) राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डबवाली में 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही थी। मृतक डुग्गू (12 वर्षीय) अरोड़ावंश स्कूल में पांचवी कक्षा का विद्यार्थी था। नीरज गुप्ता उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के गांव नवाबगंज का रहने वाला था जोकि डबवाली में पिछले 40 वर्षों से रह रहा था। जिसने किलियावाली एरिया के डिस्पोजल कॉलोनी में अपना मकान बना रखा था। जिस मकान में नीरज गुप्ता रह रहा था।
इसमें उसका बड़ा भाई अनिल गुप्ता भी संयुक्त परिवार के रूप में रह रहे थे। करीब 1 वर्ष पहले अनिल गुप्ता की एक्सीडेंट से मौत हो गई थी। उसके बाद परिवार को चलने का कार्य नीरज गुप्ता के कंधों पर था। नीरज गुप्ता अविवाहित था।
भाई के चल बसने से उसके चार बच्चों का पालन पोषण भी उसी के कंधों पर था। वर्तमान में नीरज गुप्ता जिस मकान में रह रहा है। उसमें नीरज गुप्ता का पूरा परिवार मौत की नींद सो गया है। घर में विधवा भाभी व तीन भतीजे एक भतीजी रह गए हैं।
Comentarios