डबवाली।
शहर की अग्रणी संस्था आर्य समाज की ओर से देवशयनी एकादशी पर रविवार को साप्ताहिक हवन यज्ञ का आयोजन संस्था अध्यक्ष एसके आर्य के सानिध्य में किया गया। जिसमें यज्ञब्रह्मा का दायित्व संस्था के प्रचार प्रमुख विजय कुमार शास्त्री ने निभाया जबकि मुख्य यजमान कुलदीप सिंह पटवारी ने श्रद्धा व उल्लास से हवन कुंड में आहुतियां डाली। इसके बाद स्त्री आर्य समाज की प्रमुख नीलम राये ने अर्थपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। जहां यज्ञब्रह्मा विजय कुमार शास्त्री ने वैदिक प्रार्थना पढ़ी, वहीं उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज नियमों के बारे में भी चर्चा की। इस मौके अध्यक्ष एसके आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि देवशयनी एकादशी को हिंदू धर्म में विशेष माना गया है। इस दिन चातुर्मास का आरंभ होता है। भगवान विष्णु इस दिन से चार मास के विश्राम के लिए योगनिद्रा में लीन हो जाएंगे। इसलिए आषाढ़ मास की इस तिथि को देवशयनी एकादशी कहते हैं और इसे हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु सहित अन्य देवताओं का शयनकाल आरंभ होता है। जिसके चलते इन चार माह में मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जा सकते। एसके आर्य ने परमपिता परमात्मा व भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वह अपने सभी भक्तों की शुभ व मंगल कामनाएं पूरी करें और समाज, देश एवं समस्त विश्व में अमन व शांति कायम हो। इस मौके महामंत्री डॉ. रामफल आर्य, कोषाध्यक्ष एवं संपत्ति अधिकारी भारत मित्र छाबड़ा, वरिष्ठ सदस्य विजय कामरा, जनस्वास्थ्य विभाग के एलडीसी सतिंद्र कुमार, मास्टर तेजस आर्य ''लड्डूÓÓ, श्लोक आर्य आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में जयघोष व शांतिपाठ के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
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