पंजाब और हरियाणा में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य स्कीम में फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरे देश के दोनों राज्यों में 26 फीसदी फर्जीवाड़े का दावा किया गया है। पंजाब में स्थिति और भी खराब है, जहां यह योजना विवादों में घिरी हुई है। इस योजना को लेकर राज्य सरकार ने दुर्व्यवहार की शिकायतों पर निजी अस्पतालों से करीब 250 करोड़ रुपए का बकाया रोक दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, 17 राज्यों की राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों ने 24152 फर्जी दावों का पता लगाया है जिनमें से 6161 मामले पंजाब और हरियाणा से सामने आए हैं। पंजाब में 682 निजी अस्पतालों और 245 सरकारी अस्पतालों को इस योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है। मंत्रालय की ओर से सूचित किया गया है कि इस योजना के तहत किसी भी तरह की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस स्कीम को लागू करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने धोखाधड़ी विरोधी दिशा-निर्देशों का एक व्यापक योजना तैयार की है। निर्धारित मापदंडों के अनुसार सभी दावों के मंजूरी और भुगतान से पहले मरीज की बेड पर फोटो सहित जरूरी सहायक दस्तावेज आवश्यक हैं।
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