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पर्यावरण संतुलन के विषय पर दुबई में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा सेमिनार


महासभा अध्यक्ष देवेंद्र बुडिय़ा ने दुबई का दौरा कर प्रवासी बिश्नोई समाज के लोगों से किया विचार विमर्श

डबवाली

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिश्नोई सभ्यता एवं संस्कार का महत्व एवं विशेषताएं बताने के लिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिय़ा ने दुबई का तीन दिवसीय दौरा किया एवं वहां प्रवासी भारतीयों से मिलकर विभिन्न क ार्यक्रमों में भाग लिया। दुबई निवासी रमेश बाबल बिश्नोई ने बताया कि अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय प्रधान अपने तीन दिवसीय दौरे पर 1 मई को दुबई पहुंचे। दुबई पहुंचने पर प्रवासी बिश्नोई समाज के लोगों द्वारा उनका स्वागत और सम्मान किया गया।

बिश्नोई सभा डबवाली के सचिव इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि देवेंद्र बुडिय़ा ने दुबई में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। स्नेह मिलन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देवेंद्र बुडिय़ा ने कहा कि आज पूरा विश्व पर्यावरण की समस्या, उच्च ताप, प्रकृति के असंतुलन आदि की समस्याओं से जुझ रहा है। इन सभी समस्याओं का समाधान, गुरु जम्भेश्वर ने लगभग 500 साल पहले ही अपनी शिक्षाओं में बता दिया था। जब लोगों को पर्यावरण के बारे में कुछ भी नहीं पता था उस समय जोधपुर शहर में खेजड़ी पेड़ की रक्षा के लिए 363 बिश्नोई समाज की महिलाओं, बच्चों एवं पुरुषों ने अपनी आहुति दी थी। वसुधैव कुटुम्बकम एवं सर्वे भवन्तु सुखिन: अर्थात विश्व एक परिवार है एवं सभी सुखी एवं निरोगी रहे, यह भारतीय सभ्यता का मूल संस्कार एवं विचारधारा है। इसी मूल संस्कार एवं विचारधारा को ध्यान में रखते हुए आने वालों दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुबई में पर्यावरण एवं इसके संतुलन के विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार/ संगोष्ठी आयोजन किया जाएगा।

बाद में उन्होंने इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की कार्य योजना को लेकर दुबई में प्रवासी बिश्नोई समाज के लोगों से मिलकर विचार विमर्श किया एवं दुबई में भारतीय राजदूत से मिलकर कार्यक्रम की रूपरेखा सहित अनेक विषयों पर मंथन किया गया। खेजड़ी/खेजडली को दुबई/यूएई देश में गाफ के नाम से जाना जाता है और यह इस देश का राष्ट्रीय पेड़ है। प्रधान बुडिय़ा ने विदेशों में पेड़-पोधे/पर्यावरण, जीव दया पालनी, व्यापार, रोजग़ार, संस्कार की अनिवार्यता का संदेश दिया । उन्होंने विदेशों में निवास करने वाले प्रत्येक बिश्नोई को समाज की मुख्यधारा से जुड़कर समाज के हर कार्य में अपना उचित सहयोग करने का भी निवेदन किया। बुडिय़ा ने प्रवासी बिश्नोई समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया कि विदेश में रहते हुए भी आप सभी हमेशा हवन, शब्दवाणी, यज्ञ, जीव दया पालनी करते हुए हो इसके लिए समाज को आप सभी पर गर्व है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, नैतिक विषयों के बारे में भी चर्चा की। सभी प्रवासियों ने महासभा और समाज के विकास के लिए अपने अपने-अपने सुझाव दिए। उन्होंने सभी से संगठित एवं मिलजुल रहने का आह्वान किया एवं कहा कि एक संगठित समाज ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भागीदारी तय कर देश के विकास में योगदान दे सकता है। वहीं, दुबई निवासी रमेश बिश्नोई बाबल ने समाज के विकास के लिए शिक्षा, रोजग़ार, हस्त प्रशिक्षण, मानवीय मूल्यों, युवाओं को सही दिशा, युवाओं की भागीदारी एवं संस्कार की अनिवार्यता के लिए बताया और इसमें सेवा-सहयोग के लिये सभी ने तन, मन, धन, ज्ञान एवं ऊर्जा के रूप में अपना सहयोग देने का वचन दिया । प्रवासी बिश्नोई समाज के लोगों ने साफा पहनाकर एवं जाम्भाणी साहित्य भेंट कर महासभा प्रधान का सम्मान किया और धन्यवाद ज्ञापित किया।

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