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पुलिस से झड़प के दौरान खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा जिले के 21 साल के शुभकरण सिंह की मौत




MSP सहित अन्य मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पिछले 9 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि बुधवार को पुलिस से झड़प के दौरान खनौरी बॉर्डर पर 21 साल के एक किसान की मौत हो गई, जिसके बाद किसान लगातार भड़के हुए हैं। पंजाब के बठिंडा जिले के बालोके गांव के निवासी शुभकरण सिंह नामक किसान की सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प के बाद मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि शुभकरण के पोस्‍टमार्टम के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा पुलिस का जो भी अधिकारी शुभकरण की मौत के लिए जिम्‍मेदार होगा उसके खिलाफ सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई की जाएगी। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने एक फोटो जारी करते हुए दावा है कि खनौरी बॉर्डर पर जवानों ने ही शुभकरण सिंह के सिर पर गोली मारी है। तस्वीर में जवान फायरिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। खुद बनाया सुबह का नाश्ताशुभकरण सिंह 2 साल जब दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ था तो उसमें भी किसान यूनियन की तरफ से शामिल हुआ था। भारतीय किसान एकता सिद्धपुर यूनियन से ताल्लुक रखने वाला शुभकरण सिंह बीती13 फरवरी को दिल्ली की तरफ किसानों के साथ कूच करते हुए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा था। किसान नेताओं की माने तो शुभकरण सिंह ने बुधवार को आंदोलन वाली जगह पर सुबह का नाश्ता भी खुद अपने साथियों की मदद से बनाया था। किसानों ने बताया बताया कि शुभकरण सिंह ने अपने साथियों से यह भी कहा साथ में खाना खा लो आगे न जाने कब साथ बैठने का या खाना खाने का मौका मिले।

शुभकरण सिंह कौन था ?शुभकरण सिंह की उम्र करीब 22 साल थीं। वह दो बहनों का एकलौता भाई था, जिनके पिता चरणजीत सिंह स्कूल वैन ड्राइवर हैं और मां की पहले ही मौत हो चुकी है। शुभकरण सिंह के पास खुद की साढे 3 एकड़ जमीन है। इसके अलावा उन्होंने कुछ जानवर भी पाले हुए थे। शुभकरण के पीछे अब उसके पिता , दादी और दो बहनें हैं। एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। जबकि दूसरी छोटी बहन की शादी का जिम्‍मा शुभकरण पर ही था। मारे गए किसान का नाम शुभकरण सिंह हैं. वह पंजाब के बठिंडा जिले के बालोके गांव का रहने वाले थे. उनके परिवार में दो बहनें, एक दादी और उनके पिता चरणजीत सिंह हैं, जो स्कूल वैन ड्राइवर के रूप में काम करते हैं. शुभकरण पशुपालन से जुड़ा था और उसके पास लगभग 3 एकड़ जमीन थी. इसके अलावा उन्होंने कुछ जानवर भी पाले हुए थे.  

 

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