सिरसा।
एक प्रसूता ने सिरसा के नागरिक अस्पताल के स्टाफ पर डिलीवरी के दौरान उसका बच्चा गायब करने के आरोप लगाए हैं। जिसको लेकर परिजनों ने गायनी वार्ड में हंगामा किया। इसी दौरान डॉक्टर व स्टाफ के साथ बहस हुई, तो पुलिस बुलानी पड़ी। डबवाली की महिला प्रवीण पत्नी जसवीर सिंह का आरोप है कि 30 अप्रैल को गायनी वार्ड पहुंची। जहां 12 दिनों से भर्ती थी, बुधवार को उसे प्रसव पीड़ा हुई। दोपहर 1:40 बजे लेबर रूम में उसने बेटे को जन्म दिया था, उसे बच्चे की किलकारी सुनाई दी। उसे बताया कि नवजात एक दिन नर्सरी में रखा जाएगा। लेकिन सुबह नर्स ने उसे बोला कि आपकी फाइल गुम है। बच्चा दिखाने को कहा तो बोली आपकी डिलीवरी ही नहीं हुई।हंगामे के बाद अल्ट्रासाउंड करवाकर गर्भ में बच्चा नहीं होना बताया गया। जिससे भड़के परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर को घेर लिया। हंगामा होते देख स्टाफ ने पुलिस बुलाई। महिला का रो- रोकर बुरा हाल था। उसकी एक ही जिद थी कि जिंदा या मुर्दा उसका बच्चा उसे दो जबकि तमाम जांच के बाद डिप्टी सीएमओ ने महिला व उसके परिजनों के आरोपों को निराधार बताते हुए भर्ती और डिलीवरी ही नहीं होना बताया है। डॉक्टर आरोपों को बताते रहे निराधार
एक तरफ अस्पताल में पहुंची प्रसूता के परिजन दोपहर बाद तक महिला के गर्भवती होने का साबूत नहीं दे पाए। इस पर अस्पताल के डॉक्टर आरोपों को निराधार बताते रहे। गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. राहुल गर्ग ने बताया कि महिला ओपीडी में आई थी। उसे अल्ट्रासाउंड जांच की सलाह दी थी, मगर कोई जांच रिपोर्ट नहीं दिखाई गई। बल्कि महिला के पति का आरोप है कि डॉक्टर ने उन्हें डिलीवरी टाइम दिया था। हंगामा करते परिजनों से उप सिविल सर्जन डॉ. आरके दहिया ने कहा कि 24 घंटे में डिलीवरी का दावा है तो किसी प्राइवेट गायनोक्लोजिस्ट से इसकी पुष्टि रिपोर्ट ले आओ। उससे सब क्लियर हो जाएगा। जिस पर फिलहाल परिजन शांत हुए।
नॉर्मल है रिपोर्ट, महिला नहीं थी गर्भवती
परिजनों ने महिला की निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर से रिपोर्ट करवाई है। जोकि नॉर्मल है और पिछले 2 माह दौरान डिलीवरी या प्रेगनेंसी न होने को स्पष्ट करती है। उक्त महिला 6 साल से गर्भधारण के दौरान बच्चे के मिस कैरेज से परेशान है, जैसी कि मनोरोग विशेषज्ञ की राय है।
Comments