डबवाली
नामीबिया से लाए गए चीतों के भोजन के लिए कूनो जंगल में हिरण छोड़े जाने से बिश्नोई समाज आहत है। इसके विरोध में मंगलवार को समाज के प्रतिनिधियों ने बिश्नोई सभा डबवाली के अध्यक्ष कुलदीप कुमार जादूदा व अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष इन्द्रजीत बिश्नोई के नेतृत्व में डबवाली के तहसीलदार भुवनेश कुमार को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस संबंध में इंद्रजीत बिश्नेाई ने बताया कि भारत सरकार द्वारा दूसरे देश से मध्य प्रदेश के कूनो जंगल में चीतों को लाकर उन चीतों के भोजन के लिए वन में विचरण करने वाले मूक प्राणी हिरण को जंगल में छोडे जाने का निर्णय पूरी तरह से गलत है। इससे बिश्नोई समाज के लोग आहत हैं क्योंकि बिश्नोई समाज हमेशा वन्य जीवों व पेड़-पौधों की रक्षा के लिए कुर्बानी देता आया है। इस तरह से राजस्थान से निरीह प्राणी हिरणों को ले जाकर हत्या के लिए चीतों के आगे छोड़ना बिश्नोई समाज को कतई मंजूर नही है। चीतों के भोजन की व्यवस्था जंगल में पहले से है जिससे चीते अपना जीवन यापन कर सकते हैं। ज्ञापन में समस्त बिश्नोई समाज की और से प्रधानमंत्री से मांग की गई कि भारत सरकार बिश्नोई समाज की भावना को देखते हुए अपने निर्णय को तुरंत वापिस ले व वन्य जीव हिरणों को बचाया जाए। इस अवसर पर बिश्नोई सभा डबवाली के कोषाध्यक्ष अनिल कुमार धारणिया, सदस्य जीतराम पूनिया चौटाला, रिटायर्ड पटवारी अमीलाल, शिवकुमार खीचड़, अमर सिंह नंबरदार चौटाला, देवीलाल पटवारी व अन्य लोग साथ थे।
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