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*भयकर ठंड के कारण शीतकालीन सत्र में विधानसभा पहुंचना संभव नहीं, अब मुख्यमंत्री आवास का करेंगे घेराव।


चौटाला गांव के कम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात शिशुओं के मौत प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने, 11 एमबीपीएस के रिक्त पदों को भरने, लैब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर लगाने, मोर्चरी एवं ऑपरेशन थिएटर को सुचारू रूप से शुरू करने सहित स्वास्थ्य केंद्र में अनेक अनियमितताओं को दूर करने की मांग को लेकर चौटाला का किसान और जवान लगातार 27 दिन से संघर्षरत है। महीने भर के आंदोलन के बावजूद सत्तासीन हुकुमरान इस आंदोलन को लेकर कहीं भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। किसान नेता राकेश फगोडि़या, प्रेमसुख गोदारा ने कहा कि चाहे कुछ भी परिणाम भुगतने पड़े अगर और कठोर संघर्ष करना पड़ेगा तो करेंगे लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधारकर ही दम लेंगे। संघर्षरत नेताओं ने कहा कि इस आंदोलन के दौरान तीन बार राष्ट्रीय राजमार्ग जाम, जन चेतना पदयात्रा करने सहित पुतले भी सिरसा में फूकें है। परंतु सरकार के इशारे पर

अधिकारियों ने अब तक आंदोलनरत नेताओं से कोई वार्ता नहीं की है। संघर्षरत नेताओं ने कहा कि गत दिवस देर रात्रि फतेहाबाद के अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यालय में किसानों मजदूरों ने रात्रि विश्राम किया था। ठिठुरती ठंड के कारण दोपहर 11:00 चंडीगढ़ की ओर प्रस्थान किया है। आज देर रात्रि तक जन चेतना यात्रा भुना में प्रवेश कर जाएगी। कल सुबह किसान सभा के कार्यालय में किसान नेताओं के साथ आगामी संघर्ष की रणनीति बनाकर चंडीगढ़ की ओर कुच करेंगे। फगोडि़या ने कहा कि जयपुर में भर्ती चौटाला निवासी ओमप्रकाश मेघवाल की बेटी का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है। वह बेटी कोमा में है और उसकी स्थिति बहुत ही गंभीर है। अगर उस उस बेटी को कुछ हुआ तो सत्तासीन बेईमान लोग ही जिम्मेदार होंगे क्योंकि अगर सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों में ठीक व्यवस्था की होती तो आम जनता को स्वास्थ्य लाभ मिलता और 400 बेटियों को गर्भ में अपने शिशुओं को नहीं खोना पड़ता।

उन्होंने कहा कि भंयकर ठंड के कारण शीतकालीन सत्र में विधानसभा पहुंचना संभव नहीं है। किसान मजदूर साथी रोजाना 30 किलोमीटर ही पैदल चल पाते हैं। विधानसभा घेराव की बजाय अब चंडीगढ़ पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। विधानसभा घेराव ना तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव ही सही, मांगे माने जाने तक वापस मुड़कर नहीं देखेंगे। आज यात्रा में प्रेमसुख गोदारा, राकेश फगोडि़या, मुकेश सिंवर, कृष्ण कुमार शर्मा, सुभाष कड़वासरा, अवनी सिहाग, ओमप्रकाश मेघवाल, कृष्णा जांगड़ा, संतरा देवी सहित किसान नौजवान उपस्थित रहे हैं।

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