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भारतीय संस्कृति अध्यात्मिक प्रधान संस्कृति : साध्वीश्री कनकरेखा जी


डबवाली।

जैनधर्म तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारवें अनुशास्ता महातपस्वी युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री कनकरेखा जी, सहयोगी साध्वी श्री गुणप्रेक्षा जी, साध्वीश्री संवरविभा जी, साध्वीश्री केवलप्रभा जी, साध्वीश्री हेमंतप्रभा जी श्रीजैन तेरापंथ भवन मंडी डबवाली में विराजमान हैं। श्रावकगण साध्वीश्री के दर्शन एवं सेवा का लाभ ले रहे हैं और श्रावकगण में उत्साह दिखाई दे रहा है।

तेरापंथ भवन में साध्वी श्री कनकरेखा जी के मंगल प्रवचन का आगाज नंवकार महामंत्र के जाप से हुआ। श्रावकों को अपने मंगल उदबोधन में साध्वीश्री कनकरेखा जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति अध्यात्म प्रधान संस्कृति है। उसमें चाहे वैद्धिक दर्शन हो या बौद्ध दर्शन है, जैन हो या सिक्ख-ईसाई हर धर्म दर्शन कर्ममुक्ति का रास्ता दिखाता है। नैकितकता प्रमाणिकता, सत्यवादिता से जीना सिखाता है। हर इंसान में इंसानियत का होना जरूरी है। हमें परमतत्व को पाने के लिए आत्मा से परमात्मा तक पहुंचने के लिए हमारी भावना को धर्मभावना के साथ जोड़े। धर्म-कर्म के र्मम को समझे तभी हम जीने के उद्देश्य को समझ सकते हैं। कौन व्यक्ति कितना जीवन जीता है यह महत्वपूर्ण नहीं है। कौन व्यक्ति कैसा जीवन जीता है यह महत्वपूर्ण है। यह आर्दश हम सबके लिए है कौरव-पंाड़वों का


उदहारण देकर साध्वी श्री ने धर्म कर्म के र्मम को समझाया। प्रवचन में साध्वीश्री गुणप्रेक्षा जी, साध्वीश्री संवरविभा जी, साध्वीश्री केवलप्रभा जी, साध्वीश्री हेमंतप्रभा जी ने जप अनुष्ठान की लयबद्धता के साथ प्रवचन हाल को जपमय बना दिया। उसके प्रश्चात साध्वीश्री ने जीने की नश्वरता का चित्रण करते हुए सुमधूर गीत का संगान किया। प्रवचन समापन के बाद साध्वीश्री ने सभी श्रावकों को मंगलपाठ सुनाया।

सभाध्यक्ष दीपक गर्ग ने आए हुए सभी श्रावकों का आभार व्यक्त करते हुए आमजन से आह्वान भी किया कि साध्वीश्री ठाणा 5 तेरापंथ भवन में विराज रहे हैं आमजन सांय साढे 7 बजे तेरापंथ भवन में उनके दर्शन एवं मंगलमय प्रवचन का लाभ लें। इस अवसर पर सभाध्यक्ष दीपक गर्ग, बलदेव गर्ग, पप्पी जैन, डिप्टी जैन, संदीप गर्ग, परमजीत कौचर, अनिल जैन, आचार्य रमेश सचदेवा, राकेश गर्ग, सुरेश सोनी, विजय गर्ग, विपन गुप्ता, अशोक गुप्ता, सुरेन्द्र जिंदल, डा. शिवजीराम गर्ग, तुषार बांसल, मोहन लाल कौशिक, हरजोत सिंह सेठी, अशोक गर्ग, नरेश गर्ग, नवीन जिंदल, ललित गर्ग, हैप्टी गर्ग, बलजिन्द्र बांसल, चाहत बांसल, रजत गर्ग, अंकित गर्ग, विपिन गुप्ता सहित भारी संख्या में महिला श्रावक मौजूद रही।

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