जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी से थोड़ी दूर पर मौजूद रियासी जिले में अरबों का खजाना मिला है। दरअसल, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि उन्हें पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले सलाल हेमना गांव में 59 लाख टन का लिथियम इनफर्ड रिसोर्सेज (जी3) का भंडार मिला है। बता दें कि जहां 59 लाख टन का लिथियम मिला है वह गांव माता वैष्णो देवी से थोड़ी दूर पर ही मौजूद है ऐसे में सूत्रों का मानना है कि अरबों के मिले इस खनिज भंडार से भारत के बिजनेस में एक बड़ा बदलाव आने वाला है।
लिथियम का भंडार बदलेगा भारत की किस्मत
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार, जम्मू के रियासी जिले के सलाल हेमना गांव के 15 किलोमीटर के दायरे में करीब 59 लाख टन लिथियम संसाधन मिला है। बता दें कि यह लिथियम भारत सरकार द्वारा बनाए जा रहे इलेक्ट्रिक वाहनों में यूज की जाने वाली बैटरी के बेहद महत्वपुर्ण है। दरअसल,भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम बैटरी का उपयोग किया है, जिसके लिए लिथियम बाहर से मंगाना पड़ता है वहीं अब भारत में ही लिथियम का भंडार मिलने के बाद अब इसे नीलामी के लिए ले जाया जाएगा।
सोने की धरती पर रह रहे है रियासी के लोग
इतना ही नहीं लिथियम का भंडार मिलने के बाद से रियासी के लोग एक तरह सोने की धरती पर रह रहे है। दरअसल, रियासी जिले के 15 किलोमीटर के दायरे में न केवल लिथियम मिला है बल्कि भारी मात्रा में गोल्ड रिजर्व भी मिला है। जिससे एक्सपर्ट का मानना है कि यह भारत की किस्मत को बदलने में एक गोल्डन मूवमेंट है।
क्या होता है लिथियम? लिथियम एक ग्रीक शब्द है जो 'लिथोस' शब्द से आया है। इसका मतलब 'पत्थर' होता है। यह अलौह धातु है। इसका इस्तेमाल मोबाइल-लैपटॉप, गाड़ियों समेत सभी तरह की चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। बता दें कि भारत से पहले यह ऑस्ट्रेलिया, चिली और अर्जेंटिना जैसे देशों में बड़ी मात्रा में पाया जाता है।
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