फर्म मालिकों, ट्रांसपोर्ट्स, जीएसटी व आरटीए विभाग बहादुरगढ़, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद व सिरसा के कर्मियों पर केस, 1 अरेस्ट
सिरसा नई दिल्ली से ट्रांसपोर्ट के जरिए बिना बिल्टी और बिल के माल ढुलाई करने के खेल में जीएसटी चोरी करने का खेल स्टेट विजिलेंस की टीम ने उजागर किया है। 16 अप्रैल को सिरसा में स्टेट विजिलेंस की ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर के आदेश पर कार्रवाई की थी। टीम ने माल से भरे 4 ट्रक पकड़े थे। उनकी जांच डीटीसी विभाग से कार्रवाई तो जीएसटी चोरी यानि टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। लाखों रुपए की जीएसटी एक ट्रक के माल चोरी पाई गई। मगर डीटीसी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते स्टेट विजिलेंस की टीम की झोंकने का कार्य किया और आंखों में धूल झोंकने दि का कागजातों को ट्रांसपोर्टरों असली मानकर दो से तीन लाख का जुर्माना लगाकर दो ट्रकों को छोड़ भी दिया। आखिर में इस घपले की शिकायत करने वाले डबवाली निवासी जसकौर सिंह ने मिलीभगत के खेल की शिकायत डीजीपी शत्रुजीत कपूर को की। उसके बाद जांच हुई तो खुलासा हुआ कि ट्रकों में लाया जा रहा माल बिना बिल और बिल्टी का है। यानि कोई जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया है। स्टेट विजिलेंस की टीम ने इस मामले में डीटीसी विभाग और आरटीए विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शक के दायरे में रखते हुए ट्रांसपोर्टर एसके ट्रांसपोर्ट कंपनी हिसार, सिरसा व दिल्ली, कटारिया ट्रांसपोर्ट डबवाली, श्रीओम बालाजी ट्रांसपोर्ट कंपनी मायापुरी नई दिल्ली के संचालकों पर केस दर्ज किया है। स्टेट विजिलेंस हिसार थाना में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। इसमें सिरसा के एक नरेंद्र ट्रांसपोर्टर को गिरफ्तार भी कर लिया है। सूत्र बताते हैं कि अब जुमाना भी दो से तीन लाख की बजाए 30 लाख से ऊपर चला गया है। डीटीसी विभाग की टीम दोबारा से जुर्माना और पेनल्टी की समीक्षा कर रही है।
5 जिलों के आरटीए व डीटीसी विभाग ने नहीं की कार्रवाई, मिलीभगत का शक
एंटी करप्शन ब्यूरो थाना हिसार में दर्ज करवाई गई एफआईआर में ब्यूरो के डीएसपी सुरेंद्रपाल की ओर से बताया गया कि 16 अप्रैल 2023 को डीएसपी गौरव शर्मा, इंस्पेक्टर जय सिंह की टीम को किसी मुखबीर से सूचना मिली कि कुछ ट्रांसपोर्टर दलालों के माध्यम से विक्रीकर विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से सेटिंग करके हरियाणा व पंजाब की फर्मों का माल बिना बिल व बिल्टी के अपने ट्रांसपोर्ट व्हीकल में भरकर दिल्ली से सिरसा व पंजाब के एरिया में भेजते है। रोड साइड पर टैक्स चोरी के इस बड़े खेल को एक्सपोज करने के लिए एटी करप्शन ब्यूरो की ओर से हिसार, फतेहाबाद, सिरसा व भिवानी से अपनी टीमें बुलाई गई और गाड़ियां पकड़ी गई थी। शिकायत में फर्म मालिकों, ट्रांसपोर्टरों, दलालों, जीएसटी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों, आरटीए बहादुरगढ़, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद व सिरसा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। नई दिल्ली से बहादुरगढ़ होते हुए पंजाब की सीमा 5 जिलों के आरटीए या जीएसटी विभाग के अधिकारियों की टीमें तैनात होती है। फिर भी टीमों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए इसमें मिलीभगत नजर आ रही है।
साल में ₹365 करोड़ के टैक्स चोरी की आशंका
जीएसटी यानि टैक्स चोरों के साथ कराधान विभाग के अधिकारियों का गठजोड़ पुराना रहा है। फर्जी फर्म के मामलों में इस विभाग के अधिकारी आरोपी बने हुए हैं। उनके खिलाफ आज तक कोई एक्शन नहीं है। इसी प्रकार रोड साइड पर टैक्स चोरी के खेल में इनकी बड़ी भूमिका रही है। डीटीसी विभाग के अधिकारियों की ही माने तो इस रूट रोजाना लगभग एक करोड़ का रोड साइड टैक्स चोरी होता । यानि हर माह 30 करोड़ और सालभर में 365 करोड़ रुपए के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पहली बार कार्रवाई की गई है, जिसकी वजह से अब सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के अधिकारी कसौटी पर कसे जाएंगे कि आखिर टैक्स चोरी का यह खेल कैसे संचालित किया जा रहा था। इस नेक्सस में विभाग के कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी मिले हुए थे।
विभागों के कर्मियों को करेंगे जांच में शामिल
यह टैक्स चोरी का बड़ा खेल है। इसमें अभी तक एक ट्रांसपोर्टर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं डीटीसी विभाग और आरटीए विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की भूमिका मिलीभगत वाली लग रही है। इसलिए उनको शक के दायरे में रखकर केस दर्ज करते हुए उनको जांच में शामिल किया जाएगा।
-सुखजीत, इंचार्ज स्टेट विजिलेंस
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