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*मुख्यमंत्री आवास में देर रात्रि ओएसडी संजय बटला के साथ जनचेतना यात्रा के प्रतिनिधिमंडल की हुई वार्त

Writer's picture: News Team LiveNews Team Live

चौटाला गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बाल रोग विशेषज्ञ, प्रसूति रोग विशेषज्ञ लगाने, सभी रिक्त पदों को भरने, 400 से अधिक नवजात शिशुओं के गर्भ में मौत प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने की मांग को लेकर ग्रामीण आज 1 माह से भी अधिक समय से कठोर संघर्ष कर रहे हैं। लगातार 12 दिन से जनचेतना यात्रा के रूप में करनाल पैदल कुच करते हुए ग्रामीणों ने गत दिवस मुख्यमंत्री आवास के बाहर पहुंचे। करनाल पुलिस ने संघर्षरत ग्रामीणों को जहां रोका वही नारेबाजी करते हुए धरना देकर बैठ गए। धरने पर बैठने के बाद कुछ ही क्षणों में ड्यूटी मजिस्ट्रेट पहुंचे उन्हें ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट और स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। संघर्षरत ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश फगोडि़या, पूनम गोदारा तेजा खेड़ा, प्रेमसुख गोदारा ने कहा कि जब स्थानीय प्रशासन ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो मुख्यमंत्री आवास के बाहर ही मजबूरन अनिश्चित काल घेराव की घोषणा की। संघर्षरत ग्रामीणों को घेराव मे करनाल जिले से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी समर्थन देने पहुंचे ग्रामीणों ने उनका आभार व्यक्त किया। जनचेतना यात्रा के नेतृत्व ने कहा कि चौटाला गांव के 5 विधायकों से भी मीडिया के माध्यम से विनम्र निवेदन किया कि स्वास्थ्य केंद्रों को दुरुस्त करने के लिए सांझा संघर्ष करना चाहिए। अगर सांझे प्रयास से गरीब किसान मजदूर को स्वास्थ्य लाभ मिले तो एकजुट होने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के बाद शाम करीब 5:00 बजे पुलिस जबरन उठाकर पुलिस लाइन में ले गई। किसान नेताओ ने कहा कि जिले भर में अब तक 400 से अधिक बच्चे गर्भ में खत्म हो चुके हैं और अगर कोई आमजन की आवाज उठाएं तो खाकी के दम पर कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी आवाज उठाने पर चौटाला के 40 से अधिक किसानों सहित 8 वर्ष की बेटी अवनी सिहाग और 80 वर्ष की बुजुर्ग महिला मुख्त्यार सिंह को करनाल पुलिस द्वारा जबरन उठाकर ले जाना घोर निंदनीय कार्रवाई है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश भर में प्रजातंत्र खत्म हो चुका है। संघर्षरत नेताओं ने कहा कि 33 दिन के संघर्ष में चौटाला गांव से पैदल चलकर डबवाली उपखंड कार्यालय और सिरसा कलेक्ट्रेट होते हुए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे फिर भी मांगे मानने की बजाय सरकार आंदोलन को ही कुचलने का प्रयास कर रही है। गिरफ्तारी के दौरान भी डराने धमकाने का पुरजोर प्रयास किया गया लेकिन चौटाला के क्रांतिकारी किसानों जवानों ने डटकर मुकाबला किया फिर पुलिस ने मुख्यमंत्री के ओएसडी से वार्ता का विशवाश दिलवाया और ग्रामीणों को रिहा करना पड़ा। शाम करीब 8:00 बजे मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री के ओएसडी से वार्ता हुई। वार्ता में ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि अगर जायज मांगों से आपकी सरकार असहमति दर्ज करवा दे तो आंदोलन वापस ले लेंगे, फिर ओएसडी ने कहा कि आपकी मांगे जायज है। मामला हमारे संज्ञान में नहीं था। जल्द ही मुख्यमंत्री जी से संवाद करवाएंगे। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री जी सवय संवाद करके मांगे नहीं मानेंगे तब तक करनाल में ही धरने पर बैठेंगे। आज सुबह सीआईडी के लोगों ने कहा की शाम तक मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय तय करवा देंगे लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई सूचना नहीं मिली। कल सुबह प्रशासन के द्वारा तय किए गए स्थान पर धरने पर बैठेंगे। 2 दिन प्रशासन का इंतजार करेंगे उसके बाद फिर मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। जब तक स्वास्थ्य केंद्रों की अनियमितताओं को दूर नहीं किया जाएगा, विशेषज्ञों की तैनाती नहीं होगी तब तक करनाल में ही जोरदार संघर्ष जारी रहेगा। आज पूनम गोदारा, राकेश फगोडिया, प्रेमसुख गोदारा वेद प्रकाश स्वामी अनिल बिश्नोई राकेश भादू ओमप्रकाश मेघवाल जगदीश बिश्नोई सहित अनेक किसान नौजवान साथी कार बाबा गुरु घर में रुके हुए हैं।

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