हरियाणा सरकार ने विभिन्न मीडिया संस्थानों से रिटायर हो चुके राज्य के 60 साल और इससे अधिक उम्र के पत्रकारों का हाथ उम्र के उस पड़ाव में थाम लिया। जब उन्हें किसी सहारे की बहुत अधिक जरूरत होती है। उस समय इन पत्रकारों के पास ना तो कोई अखबार होता है और ना ही आर्थिक आय का कोई स्थाई माध्यम नजर आता है। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने राज्य के पत्रकारों को उनकी रिटायरमेंट के बाद 15 हजार रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा कर बड़ा दिल दिखाया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पत्रकारों को दी जाने वाली 15 हजार रुपये मासिक की पेंशन पूरे देश में सबसे अधिक है। पंजाब में 12 हजार और राजस्थान में 14 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलती है। हालांकि विभिन्न पत्रकार संगठनों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि वे 11 हजार रुपये मासिक पेंशन करेंगे, लेकिन राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जब इस बिंदु पर चर्चा हुई तो उन्हें पंजाब व राजस्थान में मिलने वाली पेंशन राशि की जानकारी दी गई। इस पर मुख्यमंत्री ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों से पूछा कि दिन रात बिना धूप-छांव और गर्मी-सर्दी तथा बरसात-सूखे में काम करने वाले पत्रकारों के कल्याण पर हमें क्या फैसला लेना चाहिए। पेंशन प्राप्त करने वाले पत्रकार की मृत्यु पर उसकी जीवन साथी को आधी पेंशन दी जाएगी।पूरी कैबिनेट ने फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर छोड़ दिया और उन्होंने एक झटके में बड़ा दिल दिखाते हुए मासिक पेंशन की राशि सीधे 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दी।
भविष्य में इस राशि के बढ़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। प्रदेश सरकार अब पत्रकारों के कल्याण के लिए उन्हें कैशलेस इलाज के दायरे में लाने के साथ-साथ हाउसिंग प्रोजेक्ट के माध्यम से सस्ते फ्लैट का लाभ देने की दिशा में भी गंभीरता से काम कर रही है। मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरऩी ने पत्रकारों की पेंशन 15 हजार रुपये मासिक करने के फैसले पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सराहना की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के चीफ मीडिया कार्डिनेटर सुदेश कटारिया का कहना है कि मुख्यमंत्री का पत्रकारों से बड़ा स्नेह है। मुख्यमंत्री को पत्रकारों व उनके परिवार की चिंता है। उन्होंने डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म चलाने वालों को भी मान्यता देने का निर्णय लिया है। इसके लिए डिजिटल मीडिया पालिसी 2023 को मंजूरी प्रदान की गई है। सुदेश कटारिया ने बताया कि डिजिटल मीडिया को मान्यता व विज्ञापन मिलने के बाद उन्हें स्थायित्व की दिशा में मजबूती मिलेगी। वर्ष 2007 और 2020 की मौजूदा नीति केवल प्रिंट मीडिया, इलेक्टारॉनिक मीडिया और वेबसाइटों तक ही सीमित थी।सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल के अनुसार मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के बीमा कवरेज को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। अब 10 लाख रुपये तक के बीमा प्रीमियम का शत प्रतिशत भुगतान राज्य सरकार करेगी और इससे 1038 मीडिया कर्मी लाभान्वित होंगे। अमित अग्रवाल के अनुसार हरियाणा सरकार 20 लाख रुपये तक का बीमा करवाने के इच्छुक पत्रकारों की कुल प्रीमियम राशि का 50 प्रतिशत खर्च भी वहन करेगी।
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