Breaking News
top of page
Writer's pictureNews Team Live

वार्ड-4 में प्रस्तावित पार्क को लेकर सामाजिक संस्था ने जताया विरोध, आंदोलन छेड़ने की चेतावनी




डबवाली


भारत रत्न बाबा साहेब डां भीम राव अंबेड़कर ट्रस्ट (रजि.) के प्रधान रविंद्र बबलू ने डबवाली के वार्ड न. 4 में प्रस्तावित पार्क के निर्माण को लेकर विरोध जताया है व इसे लेकर जनरल कैटेगरी के एक समाज की संस्था के प्रधान द्वारा की जा रही बयानबाजी पर उन्हें भी आड़े हाथों लेते हुए आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।  


रविंद्र बबलू ने कहा कि उक्त प्रधान द्वारा सोशल मीडिया पर बयानबाजी की जा रही हैं कि वार्ड नम्बर 4 में प्रस्तावित पार्क का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए, यह वार्ड नंबर 1, 2, 3 तथा 4 के लोगों की सामूहिक मांग है। यह सरासर गलत बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने प्रधान से पूछा है कि वह बताएं कि अब तक रामलीला ग्राउंड में बने पार्क में वह स्वयं कितनी बार घूमने गए हैं। उन्होंने बयान जारी करने वाले संस्था प्रधान से सवाल किया है कि क्या उन्हें पता भी है कि वार्ड-1, 2, 3, 4 के निवासियों की क्या समस्याएं हैं और क्या मांग है? रविंद्र बबलू ने चेताया कि अगर विकास के नाम पर किसी अनुसूचित जाति वार्ड में अन्याय किया या कुछ थोपना चाहा, अनुसूचित जाति के किसी भी व्यक्ति को धमकाने की कोशिश की तो पूरा दलित समाज उस व्यक्ति एवं उससे संबधित पार्टी  का भी विरोध करेगा। इसके लिए धरना-प्रदर्शन करना पड़ा तो वो भी किया जाएगा।


अंबेडकर ट्रस्ट प्रधान रविंद्र बबलू ने कहा कि नगर परिषद प्रधान के वार्ड में एकमात्र पार्क था उसमें बूस्टिंग स्टेशन बनवा दिया। वार्ड-15 में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट पार्क था उसमें भी बूस्टिंग बना दिया। पार्क बनाना ही विकास है तो फिर इन उक्त वार्डों का विकास खत्म क्यों करवा दिया गया? उन्होंने कहा कि वार्ड-4 में पांचवी कक्षा तक का एक सरकारी स्कूल ही है जहां निम्न व मिडिल वर्ग के बच्चे कम खर्च में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस स्कूल में वार्ड-4, 5, 6, 7, 9 के अलावा पंजाब क्षेत्र के भी गरीब बच्चे पढ़ते हैं। पांचवीं पास करने के बाद उनके पास कोई ऐसा स्कूल नहीं जहां से वह 10वीं व 12वीं तक की शिक्षा कम खर्च में ग्रहण कर सकें। पुराने कचहरी परिसर को इस राजकीय प्राइमरी पाठशाला न. 1 के साथ जोड़कर को सीनियर सैकेंडरी तक अपग्रेड़ तक किया जाए ताकि बच्चे कम पैसों में शिक्षा ग्रहण कर सकें। यह कार्य भी विकास की श्रेणी में ही आता है।


रविंद्र बबलू ने यह भी मांग उठाई कि पशु अस्पताल के स्थान पर एक बेहतरीन बहु मंजिला आवासीय कॉलोनी बनाई जाए जिस में कर्मचारी-अधिकारी रह सकें। इस से नगर परिषद को आमदनी भी हो सकेगी और कर्मचारियों को आवास मिल जाएंगे। इसे विकास नहीं तो और क्या कहेंगे? श्री राम बाग के पास सात एकड़ में 30-35 वर्षों से गंदगी पड़ी है, उसे हटाकर वहां विशाल पार्क का निर्माण करवाया जाए व इसमें विभिन्न प्रकार के झूले इत्यादि लगाए जाएं जिस से नगर परिषद को आमदनी हो सके, यह भी तो विकास ही है। उन्होंने सवाल उठाया कि सही सलामत भवन जिन पर ताजा-ताजा 40-50 लाख रुपया खर्च किया गया को तोड़ डालना, 70-80 साल पुरानी रोड को बंद कर देना, क्या इसे विकास कहते हैं?


उन्होंने मांग उठाई कि वार्ड-1 में पड़ी नगर परिषद की भूमि पर पार्क का निर्माण करवाया जाए ताकि वार्ड-1 व 2 के निवासियों को पार्क नजदीक ही मिल सके। रही बात वार्ड 4 के पार्क की तो वार्ड नंबर-4 के पास पार्क है जिसके लिए पिछले सैशन में लाखों का बजट पास करवाया गया था, मगर 4-5 सालों से नगर परिषद उस तरफ झांका तक नहीं। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर फिजूलखर्ची का खेल सबको दिख रहा है। यदि अनुसूचित वार्डों में या अनुसूचित जाति के लोगों पर धक्का किया गया तो संघर्ष करेंगे जिसकी जिम्मेदारी ऐसे ब्यान जारी करने वालों की होगी जो समाज की आड़ में थोथी राजनीति कर रहे हैं।

Komentarai


bottom of page