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विधानसभा में विधायक अमित सिहाग ने सबका साथ सबका विकास की खोली पोल

डबवाली विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के जवाब में हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने आक्रामक रुख अपनाते हुए सरकार के नारे "सबका साथ सबका विकास" की पोल खोल दी।उन्होने सरकार को आइना दिखाते हुए अनेक मांगे सरकार के समक्ष रखी।

सिहाग ने कहा कि सरकार ने जो पिछले एक वर्ष का लेखा जोखा राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से दिया है उसकी वास्तविकता का आंकलन मात्र चार शब्दों सबका साथ सबका विश्वास से किया जा सकता है।उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सबका साथ कि बात की जाए तो मौजूदा सरकार को सब का साथ नही मिला और अगर मिला होता तो 2019 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनती।उन्होंने कहा कि बीजेपी को साथ तो मिला पर केवल उस पार्टी का जो चुनावों में बीजेपी को यमुना पार कराने के दावे करती थी। सिहाग ने कहा कि रही बात विश्वास की तो हरियाणा में किसी भी वर्ग का विश्वास सरकार पर नहीं है और हर वर्ग सरकार से दुःखी है।उन्होंने कहा कि अगर किसानों को आप पर विश्वास होता तो उनको एक साल सड़कों पर न बैठना पड़ता और न ही आप को घरों में कैद होने के लिए मजबूर होना पड़ता।इसके बाद विधायक ने सरकार को आइना दिखाने के साथ साथ किसानों, कर्मचारियों, युवाओं, बजुर्गों व खिलाड़ियों के हित में सरकार के समक्ष निम्नलिखित अनेक मांगे रखी।

किसानी से संबंधित मांगे: अमित सिहाग ने किसानी मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर सरकार हर किसान के साथ होती तो डबवाली हल्के के किसानों को पिछले वर्ष गुलाबी सुंडी से खराब हुई फसल के उचित मुआवजे के लिए संघर्ष न करना पड़ता।उन्होंने कहा कि डबवाली क्षेत्र में फसल का नुकसान केवल 23 प्रतिशत दिखा कर किसानों से भेदभाव किया गया है। सरकार द्वारा फसल के नुकसान के आंकलन में कोताही हुई है।सिहाग ने कहा कि अगर सरकार किसानों का विश्वास चाहती है तो वो नुकसान के आंकलन के वक्त बनाई गई वीडियो रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करे एवम फसलों के हुए नुकसान का पुनः आंकलन कर किसानों को उनका बनता मुआवजा देना चाहिए। सिहाग ने कहा कि भारत माला सड़क योजना के तहत डबवाली हल्के के 9 गांवों की अधिकृत की गई भूमि के सरंचना अवार्ड,खालों आदि संबंधित समस्याओं को लेकर किसान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।अगर सरकार उनका विश्वास पाना चाहती है तो बिना देरी किये सरंचना अवार्ड किसानों के खातों में डाले। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली व लिपिकों की 35400 रुपये वेतन की मांग विधायक ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर सरकारी कर्मचारियों का विश्वास सरकार पर होता तो वो अपनी मांगे लेकर विपक्ष के पास न आते बल्कि उस सत्तारूढ़ पार्टी के पास जाते जिन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका वायदा किया था।उन्होंने कहा कि सरकार को राजस्थान सरकार की तर्ज पर कर्मचारियों की मांग पर पुरानी पेंशन स्कीम को बिना देरी शुरू करना चाहिए साथ ही लिपिकों का वेतन भी तुरंत सभी महकमों में उनके सामान पदों के बराबर 35400 रुपये करना चाहिए। शिक्षा प्रेरकों को पुनः नौकरी व जेबीटी अध्यापकों की गृह जिले में तैनाती अमित सिहाग ने सरकार के समक्ष 2017 में हटाये गए करीब 5000 शिक्षा प्रेरकों को कौशल विकास निगम के तहत पुनः नौकरी देने के साथ साथ 2017 में भर्ती हुए जेबीटी अध्यापकों को गृह जिले में तैनात करने की मांग रखी

युवाओं के रोजगार व रिहायशी प्रमाण पत्र संबंधित मांग सिहाग ने कहा कि अगर युवाओं का विश्वास सरकार पर होता तो बेरोजगारी की निराशा के चलते उन्हें नशों का सहारा न लेना पड़ता।सिहाग ने कहा कि अगर सच मे सरकार युवाओं का विश्वास चाहती है तो युवाओं को योग्यता के आधार पर स्कूलों में नौकरी दे व अन्य रोजगार सृजन करे।उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत रोजगार देने वाले उधोगों को प्रोत्साहन के साथ साथ टैक्स में छूट दे जिससे प्रोत्साहित होकर कंपनियां खुद ही हरियाणा के युवाओं को रोजगार देने के लिए आगे आएंगी साथ ही सरकार द्वारा 75 प्रतिशत रोजगार देने के कानून पर कंपनियों में संशय न पैदा होगा।अमित सिहाग ने कहा कि सरकार जब किसी नौकरी के लिए टेस्ट लेती है तो उसका रिजल्ट कब आएगा और नियुक्ति कब की जाएगी इसको सुनिश्चित करे तो युवाओं का विश्वास सरकार पर बनेगा। रिहाइशी प्रमाण पत्र की वैधता 15 वर्ष रखने की मांग भी सिहाग ने सरकार के समक्ष रखी। बुजुर्गों व खिलाड़ियों से संबंधित मांगें अमित सिहाग ने कहा कि अगर सरकार सच मे बुजुर्गों का विश्वास पाना चाहती है तो बुढापा पेंशन को बिना आय पर आधारित कर, एक सम्मान के रूप में देने का काम करे और उसे बुढापा पेंशन की जगह बुढापा सम्मान पेंशन का नाम दे।उन्होंने खिलाड़ियों के लिए मांग उठाते हुए डबवाली के गुरू गोबिंद सिंह खेल स्टेडियम में खेलों की सभी सुविधाएं देने की मांग की ताकि खिलाड़ियों का भरोसा सरकार पर बन सके और उनकी प्रतिभा भी निखारी जा सके। नगरपरिषद का मुद्दा सिहाग ने कहा कि सरकार को स्थानीय निकायों में हो रही धांधली,पोर्टल में त्रुटियां और आमजन को हो रही परेशानी का भी संज्ञान लेना चाहिए ताकि आमजन को बिना खर्ची पर्ची के अपना काम करवाने2में आसानी हो।उन्होंने एनडीसी पोर्टल की खामियों को दूर करने की मांग भी सरकार के समक्ष रखी। सिहाग ने कहा कि ये सुनिश्चित सरकार ने करना है कि सब का साथ सबका विश्वास और विकास उन्होंने केवल कागजों में लिखा हुआ देखना है या लोगों के दिलो दिमाग पर देखना है।




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