डबवाली को पुलिस जिला, सरकारी नशा मुक्ति केंद्र और कलस्टर स्तर पर खेल नर्सरियों का किया जाए निर्माण :अमित सिहाग 29 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओढ़ां रैली से पहले हलका डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने उनके समक्ष तीन अहम मांगे रखी हैं।
एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विधायक ने सबसे पहले डबवाली को पुलिस जिला बनाने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि डबवाली के दो साइड पर राजस्थान व पंजाब होने के कारण यहां नशे की तस्करी होती है। हर रोज अखबारों में पढ़ने को मिलता है कि डबवाली में प्रतिदिन 1 से 2 मौतें नशे के कारण हो रही है और इसी सरकार में नशे ने पांव पसारे हैं।सिहाग ने मांग की कि सरकार बिना किसी देरी किए डबवाली व कालांवाली के क्षेत्र को मिलाकर डबवाली को पुलिस जिला घोषित करें।सिहाग ने उदाहरण देते हुए बताया कि जिस प्रकार से हांसी में क्राइम खत्म करने के लिए उसको पुलिस जिला घोषित किया गया था और वो कारगर भी सिद्ध हुआ था उसी प्रकार से डबवाली को भी पुलिस जिला घोषित किया जाए ताकि नशे की तस्करी पर रोक लग सके।
दूसरी मांग रखते हुए उन्होंने कहा कि डब्वाली में सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खोला जाए। विधायक ने कहा कि यह मांग उन्होंने पहले भी विधानसभा में रखी थी लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया था।सिहाग ने कहा कि जो लोग नशा करते हैं और अब छोड़ना चाहते हैं उनकी जिंदगी बचाने के लिए सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खोलने बहुत जरूरी है इसलिए सरकार को जल्द नशा मुक्ति केंद्र खोलने चाहिए।
अमित सिहाग ने तीसरी मांग रखते हुए कहा कि डबवाली में सरकार को कलस्टर स्तर पर खेल नर्सरी व जिम बनानी चाहिए ताकि बच्चे अपना भविष्य खेलों में बना सके। उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा और पंचकूला साइड में तो खेलों को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त साधन हैं, लेकिन इस डबवाली क्षेत्र में खेलों के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते खिलाड़ी अपना भविष्य खेलों में नहीं बना पा रहे। उन्होंने कहा कि अगर यहां पर कलस्टर स्तर पर खेल नर्सरियों और कम से कम हलके के तीन चार गांवों में मिनी स्टेडियम बनाए जाएं तो जहां युवा अपना भविष्य खेलों में बना सकेंगे वहीं नशे से भी उनका ध्यान हटाकर खेलों की तरफ लगाकर उन्हें नशे की गर्त में गिरने से बचाया जा सकता है।
विधायक ने उम्मीद जताई कि माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी उनकी मांगों को गंभीरता पूर्वक लेते हुए नए केवल घोषणा तक सीमित रहते हुए, बल्कि जमीनी स्तर पर इन मांगों को अमलीजामा पहनाने का काम करेंगे।
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