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श्री अग्रवाल महासभा के चुनावों को लेकर विवाद


डबवाली

श्री अग्रवाल महासभा के 5 मई को होने वाले चुनावों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। चुनाव में प्रधान पद के लिए पर्चा दाखिल करने वाले दो उम्मीदवारों बलजिंद्र बांसल व यशपाल गर्ग ने चुनाव समिति के सदस्यों को एक पत्र देकर उपरोक्त चुनावों को रद्द करने की मांग की है।

बलजिंद्र बांसल व यशपाल गर्ग ने इस पत्र में कहा है कि श्री अग्रवाल महासभा के चुनावों के लिए उन दोनों के अलावा रतन लाल बांसल ने प्रधान पद हेतू आवेदन किया था। इसके बाद अग्रवाल समाज के हित को देखते हुए समाज के गणमान्य लोगों ने एक पंचायत करके यह फैसला लिया था कि चुनाव को टालने के लिए सर्वसम्मति से प्रधान बनाया जाए।

इस पर अग्रवाल सभा के प्रधान सतीश कुमार गर्ग 'केपी' को अधिकार दे दिया गया कि वह जो भी फैसला करेंगे व तीनों उम्मीदवारों को मंजूर होगा। इसके उपरांत पंचायत ने विचार विमर्श कर यह निर्णय लिया कि तीनों ही उम्मीदवार 8-8 माह के लिए बारी-बारी प्रधान होंगे और इस आशय का लिखित फैसला करके चुनाव समिति को भी सूचित किया गया। इसके बावजूद चुनाव समिति ने यह संदेश दिया गया है कि 5 मई को ही महासभा के चुनाव होंगे। बलजिंद्र बांसल व यशपाल गर्ग ने कहा कि चुनाव समिति का यह निर्णय सरासर गलत है और पंचायत के फैसले के खिलाफ चुनाव करवाया जाना अनुचित है। ऐसे में बलजिंद्र बांसल व यशपाल गर्ग ने चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार करने का ऐलान करते हुए अपने समर्थकों सहित मांग की है कि पंचायत द्वारा लिया गया फैसला लागू करते हुए महासभा के चुनाव रद्द किए जाएं।

पंचायत के फैसले के बाद प्रधान पद के लिए पर्चा दाखिल करने वाले तीनों उम्मीदवार रतन लाल बांसल, बलजिंद्र बांसल व यशपाल गर्ग, महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर अग्रवाल सभा के प्रधान सतीश गर्ग 'केपी', उपप्रधान दविंद्र मित्तल, सचिव अशोक सिंगला, महासभा के पूर्व प्रधान सुरेश जिंदल के अलावा प्रवीण कुमार नाथा, प्रेम चंद गुप्ता, दीपक बाबा, पवन गार्गी व भारत भूषण के साथ सर्वसम्मति के निर्णय पर सहमति जताते हुए।

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