डबवाली।
जैनधर्म के तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल का दर्जा दिए जाने की घोषणा करने का विश्वभर में फैले सकल जैन समुदाय में भारी रोष पाया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा मंडी डबवाली के अध्यक्ष दीपक गर्ग ने वीरवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नाम उपमंडल अधिकारी के माध्यम से लघु सचिवालय में स्थित कार्यालय में उपमंडलाधीश की अनुपस्थिति में उनके डिप्टी सुपरिडेंट संजीव शर्मा को ज्ञापन सौंपा।
दीपक गर्ग ने इस ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह जन जन की भावना के अनुसार झारखंड सरकार के श्री सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के निर्णय को तत्काल प्रभाव से रद्द करवाए। क्योंकि श्री सम्मेद शिखर तीर्थराज है जहां से 20 तीर्थकर मोक्ष पधारे हैं। यह एक साधना स्थली है यहां का शांत सुरम्य वातावरण सिद्ध बनाता है। इस पवित्र तप स्थली को पर्यटन स्थल बनाए जाने के निर्णय का सकल जैन समाज एकमत से कड़ा विरोध कर रहा है। दीपक गर्ग ने आगे बताया कि इस निर्णय का विरोध करते हुए जयपुर में 25 दिसंबर को आमरण अनशन पर बैठेमुनि सुज्ञेय सागर जी महाराज ने मंगलवार को अनश्नरत्त अपने प्राण त्यागकर अपना सर्वोच्चय बनिलदान दिया है। बलिदान से पहले उन्हेंने कहा कि श्री सम्मेद शिखर तीर्थ को सरकार श्री जैन तीर्थ स्थल घोषित करें। अन्यथा वह अन्नजल त्याग कर अनशंनरत्त रहेंगे। लेकिन सरकार की हठधर्मी के चलते मुनि सुज्ञेय सागर जी ने मंगलवार सुबह अपना सर्वोच्चय बलिदान दे दिया। दीपक गर्ग ने मामले पर अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड की हेमंत सौरेन सरकार ने गिरीहीड की पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित किया है। पारसनाथ पहाड़ी को जैन समाज अपना सर्वोच्चय तीर्थ मानता है। हर तीर्थ श्रद्धांलुओं की व्यक्तिगत आस्था का केन्द्र होता है इस आस्था को बनाए रखने के लिए तीर्थ स्थलों की पवित्रता बरकरार रखनी होगी। गर्ग ने प्रधानमंत्री महोदय से निवेदन किया कि वह इस मामले में तत्काल दखल देकर सकल जैन समाज की भावना का आदर करते हुए श्री सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल की बजाए श्री जैन तीर्थ स्थल घोषित करें।
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