पंजाब सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए टैंडर लगाने का सिस्टम तो काफी समय पहले ही ऑनलाइन कर दिया गया था परंतु एस्टीमेट व बिल बनाने का काम अभी भी मैनुअल तरीके से हो रहा है जिसके चलते रिकॉर्ड गायब करने की आड़ में फर्जीवाड़ा होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके मद्देनजर लोकल बॉडीज विभाग द्वारा नगर निगम व इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में विकास कार्यों के लिए एस्टीमेट व बिल बनाने का काम भी ऑनलाइन करने की योजना बनाई गई है। उसके लिए बाकायदा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसे 15 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा।
इस संबंध में नगर निगम, इंप्रूवमैंट ट्रस्ट व म्यूनिसिपल कमेटियों के अधिकारियों को जारी सर्कुलर में चीफ इंजीनियर द्वारा साफ कर दिया गया है कि 15 अगस्त के बाद विकास कार्यों के लिए एस्टीमेट व बिल बनाने का काम मैनुअल तरीके से नहीं होना चाहिए।
चीफ इंजीनियर की मंजूरी लेने के लिए नहीं लगाने होंगे चंडीगढ़ के चक्कर
आमतौर पर विकास कार्यों के लिए टैंडर लगाने या वर्क ऑर्डर जारी करने में देरी होने के लिए सरकार से तकनीकी मंजूरी न मिलने का हवाला दिया जाता है। इसके लिए नगर निगम अधिकारियों को चंडीगढ़ के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस समस्या का समाधान करते हुए सरकार ने चीफ इंजीनियर से विकास कार्यों के टैंडर लगाने के लिए टैक्निकल मंजूरी लेने का सिस्टम भी ऑनलाइन कर दिया है जिसके लिए हाल ही में जे.ई., एस.डी.ओ. को ट्रेनिंग देने के अलावा सॉफ्टवेयर का ट्रायल भी किया गया।
Comments