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सिरसा के गांव ममेरा कलां में अचानक चक्कर से Play School में 4 वर्षीय बच्चे की हुई थी मौत


सिरसा : सिरसा जिला के गांव ममेरा कलां में स्थित स्मॉल वंडर प्ले स्कूल में नर्सरी क्लास में पढ़ने वाले 4 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार बच्चे की मौत का कारण गर्मी सामने आया है। इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है कि उक्त प्ले स्कूल अवैध रूप से चलाया जा रहा था। संचालक के पास प्ले स्कूल चलाने की कोई अनुमति नहीं थी। इसके अलावा उक्त स्कूल प्ले स्कूल के लिए निर्धारित मापदंड पर खरा नहीं उतरता। उक्त स्कूल में मासूम बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए कूलर तक की व्यवस्था नहीं है। इसलिए मासूम बच्चे की मौत का जिम्मेदार प्ले स्कूल संचालक हो माना जा रहा है। जिला बाल कल्याण समिति ने भी इस मामले की जांच शुरू कर पत्र जारी कर दिया है। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अनिता वर्मा ने ऐलनाबाद थाना प्रभारी से मामले की रिपोर्ट भी तलब की है।

जानकारी के अनुसार गांव मौजू खेड़ा निवासी किसान सुखदेव सिंह का चार वर्षीय पुत्र अरमान गांव ममेरा कलां स्थित वंडर प्ले स्कूल में नर्सरी कक्षा में पढ़ता था। मंगलवार को वह स्कूल गया था।  इसी दौरान अचानक  चक्कर खाकर वह नीचे गिर गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मृतक अरमान के शव का पोस्टमार्टम आज सिविल हॉस्पिटल में किया गया। ऐलनाबाद थाना ने मृतक के परिजनों के बयान पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई की गई है।

बाल संरक्षण समिति की टीम जाएगी स्कूल

वहीं प्ले स्कूल में चार वर्षीय बच्चे की मौत का मामला प्रशासन के संज्ञान में आया तो तुरंत प्रभाव से इसकी जांच के आदेश दिए गए। सूत्रों के अनुसार शुरुआती तौर पर पता चला है कि उक्त प्ले स्कूल फर्जी तौर पर किया जा रहा है। संचालक ने प्ले स्कूल का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया हुआ था। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से अप्रैल 2023 में ऐलनाबाद में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। जांच में पता चला है कि उक्त प्ले स्कूल संचालक ने एनसीपीसीआर की गाइडलाइन का पालन बिलकुल भी नहीं किया हुआ है। बाल संरक्षण अधिकारी गुरप्रीत कौर स्कूल में जाकर जांच करेंगी।

जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अनीता वर्मा ने ऐलनाबाद थाना पुलिस ने इस मामले की जांच व रिपोर्ट तलब करने के लिए पत्र जारी कर दिया है। इसके अलावा प्ले स्कूल के दस्तावेजों की जांच करने वाले अधिकारियों से भी जवाब मांगा गया है। अनीता वर्मा का कहना है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी की निगरानी में प्ले स्कूल चलाए जा रहे हैं। इसलिए जिला कार्यक्रम अधिकारी से भी जवाब मांगा गया है कि क्यों प्ले स्कूल में इस प्रकार की कमियां सामने आ रही हैं, और क्यों इन स्कूलों को समय पर चेक नहीं किया गया। इसके अलावा स्कूल संचालक ने अपनी जिम्मेदारी के हिसाब से बच्चों के लिए क्या-क्या सुविधाएं दीं। अनीता वर्मा का कहना है कि जिला बाल कल्याण समिति गंभीरता से इस मामले की जांच करेगी। इसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने जारी किया था निर्देश

बता दें कि एनसीपीसीआर की गाइडलाइन के अनुसार सभी प्राइवेट स्कूल को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। 2023 में महिला एवं बाल विकास विभाग ने निर्देश जारी किए थे कि जिला में यदि कोई प्राइवेट प्ले स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं, उनका आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बच्चों के दाखिलों के लिए प्रतिबंधित रहेगा। गांवों व शहर में प्राइवेट प्ले स्कूल अगर बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। 

प्ले स्कूल के लिए ये हैं तय नियम

प्राइवेट प्ले स्कूल एक कक्षा में 20 बच्चे व उन पर एक शिक्षक व केयर टेकर को रखना अनिवार्य है। मान्यता प्राप्त करने वाले स्कूल को सोसायटी ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट,जमीनी दस्तावेज, बिल्डिंग,फायर सेफ्टी, नक्शा व सीए की रिपोर्ट आदि आवेदन के साथ देने अनिवार्य हैं। इसके अलावा स्कूल स्टाफ का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। इसके अलावा स्कूल स्टाफ का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। जो संचालक स्कूल प्ले स्कूल नियमों का पालन न करते हुए बिना मान्यता स्कूल चलाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। एनसीपीसीआर की गाइडलाइन के अनुसार प्ले सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को मानसिक या शारीरिक दंड देना आरटीई की धारा 17 के तहत दंडनीय अपराध है।

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