हरियाणा के सिरसा में घग्गर नदी का बांध रात 10 बजे मुसाहिबवाला और नेजाडेला खुर्द के पास टूट गया। बांध को बांधने के लिए ग्रामीण रात को जुटे रहे। बांध टूटने से खेतों में जलभराव हो गया है।
सुबह डीसी पार्थ गुप्ता और एसपी उदय सिंह मीणा बाइक पर बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने के लिए निकले। दोनों के साथ बाइक पर ही सरकारी अमला भी था। उधर सिरसा-सरदूलगढ़ हाईवे पर बनी पुलियों को बंद करने के विरोध में किसानों ने रोड जाम कर दिया।
इससे पहले बांध टूटने की सूचना पर डीसी पार्थ गुप्ता और एसपी उदय सिंह मीणा रात 12 बजे मुसाहिबवाला पर पहुंचे, लेकिन प्रशासन के पास संसाधन नहीं थे, जितना भी बांध ग्रामीणों ने बांधा, वह अपने स्तर पर बांधा।
मुसाहिबवाला के पास करीब 20 से 25 फुट का कटाव था, ग्रामीणों ने आधे से ज्यादा बांध लिया था। लेकिन केवल मिट्टी और कट्टे होने के कारण बाकी कटाव भरा नहीं जा सका। जिसके बाद ग्रामीणों ने हिम्मत छोड़ दी। 2 बजे तक डीसी और एसपी बांध पर ही थे।
अब मुसाहिबवाला से घग्गर का पानी पनिहारी गांव के बांध को जा लगा है। नदी का पानी बुर्जकर्मगढ, फरवाई कलां, फरवाई खुर्द तक पहुंच गया है। पानी इन गांवों के किनारे पर बनाए गए बांध तक पहुंच गया है। खेतों में बनी ढाणियों में रहने वाले लोगों ने रात को अपने घरों से सामान समेटना शुरू कर दिया था और वे दूसरी जगहों पर चले गए।
सिरसा मानसा रोड पर पुलिया बंद करने में के विरोध में किसान
सिरसा से सदूलगढ़ मानसा रोड आता है। मुसाहिबवाला, पनिहारी, फरवाई गांव इसी रोड पर आते हैं। बांध टूटने के बाद इस सड़क के नीचे पानी की निकासी के लिए बनाई गई पुलिया को दूसरी छोर के किसान बंद करने में जुटे हैं, ताकि नदी का पानी उनके खेतों में न पहुंचे। लेकिन इसके विरोध में बुजुकर्मगढ़ के लोगों ने हाईवे पर जाम कर दिया।
बुजुकर्मगढ़ के सरपंच मनोज मेहता ने कहा कि रोड के नीचे पुलियों को बंद कर दिया गया। हम इसे खोलना चाहते थे, लेकिन दूसरी और के किसान खोलने नहीं दे रहे। हमारे गांव डूब रहे हैं, बच्चे और महिलाएं रो रही हैं। प्रशासन इन पुलियों को खुलवा नहीं रहा। सिरसा में कल घग्गर नदी में 33 हजार क्यूसेक पानी था। जो कि खतरे के निशान से ऊपर था।
सुबह सात बजे तक पानी की स्थिति
सिरसा में दो जगहों से बांध टूटने पर ओटू हेड पर सुबह सात बजे 29000 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। ओटू डाउन स्ट्रीम में 25000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। सरदूलगढ़ में पानी बढ़ता जा रहा है। जिसका लेवल 47540 क्यूसेक तक पहुंच गया है।
बणी गांव से सामान निकालना शुरू
घग्गर के बढ़ते जलस्तर के चलते बणी गांव में लोगों ने अपनी दुकानों और घरों से सामान निकालना शुरू कर दिया है। यहां 2010 में भी गांव के मकानों की छतें तक पानी में डूब गई थी।
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