चंडीगढ़
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) की मेजर सर्जरी कर दी गई है। अकाली दल में अब एक इलेक्शन में एक परिवार को एक ही टिकट मिलेगी। कोई भी जिला प्रधान चुनाव नहीं लड़ेगा। शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने चंडीगढ़ में इसकी घोषणा की। अकाली दल में लीडरशिप को लेकर पिछले कुछ समय से बगावत हो रही थी।
सुखबीर ने यह भी साफ किया कि अकाली दल किसी की जायदाद नहीं है। जैसा इंप्रैशन दिया जाता है। 101 साल पहले यह पंथ को बचाने के लिए बना था। अकाली दल पंजाब का है। अकाली दल में अब कोई एक प्रधान लगातार 2 बार रह सकता है। तीसरे टर्म के लिए उसे बीच में एक टर्म यानी 5 साल के लिए ब्रेक लेनी होगी।
अकाली दल की हालत सुधारने के लिए यह कदम उठाए गए
अकाली दल में पार्लियामेंट्री बोर्ड बनाया जाएगा। यह बोर्ड डिसाइड करेगा कि चुनाव के वक्त किस क्षेत्र से कौन सा बेहतर उम्मीदवार होगा।
पार्टी के जिला या यूथ प्रधान और स्टेट बॉडी के नेता सिर्फ पूर्ण सिखों को बनाया जाएगा। इसमें अगर कोई दूसरे धर्म का है तो फिर वह अपने धर्म को मानेंगे।
BC भाईचारे को ज्यादा तरजीह नहीं मिलती। इस भाईचारे को पार्टी और लीडरशिप में आगे लाया जाएगा।
पार्टी का जिला प्रधान चुनाव नहीं लड़ेगा। अक्सर यह होता है कि MLA और जिला प्रधान एक ही हो जाता है। चुनाव के वक्त संगठन खाली हो जाता है। अगर चुनाव लड़ना है तो उससे पहले जिला प्रधान का पद छोड़ना होगा।
117 सीटों में से 50% सीटें 50 साल से नीचे के युवाओं को दिए जाएंगे। पार्टी में नई यंग लीडरशिप को आगे लाया जाएगा।
पार्टी की सुप्रीम डिसीजन वाली कोर कमेटी में भी यंग और महिला नेताओं को मेंबर बनाया जाएगा।
यूथ अकाली दल की एज लिमिट फिक्स होगी। अब 35 साल से नीचे वाला ही इसका मेंबर बनेगा।
स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SOI) और ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फैडरेशन में अब 30 साल से बड़ी उम्र के युवा नहीं लिए जाएंगे।
पार्टी का संगठन खड़ा करने के लिए 117 ऑब्जर्वर लगाए जाएंगे। एक विधानसभा सीट पर एक ऑब्जर्वर होगा। बूथ कमेटी से इसकी शुरूआत करेंगे। 30 नवंबर तक बूथ स्तर पर सभी नियुक्तियां कर दी जाएंगी।
अकाली दल में एक एडवाइजरी बोर्ड बनेगा। जिसमें राइटर, स्कॉलर, पंथक शख्सियतें शामिल होंगी। यह सीधे प्रधान को सलाह देगी।
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