पंजाब में लागू 300 यूनिट फ्री बिजली योजना को लेकर पावरकाम को बड़ी आशंका है। राज्य में बिजली स्मार्ट मीटर न लगे तो फ्री बिजली वाली योजना में पावरकाम को भारी नुकसान हो सकता है। पावरकाम को आशंका है कि जिन लोगों का तीन सौ से कुछ यूनिट ज्यादा आए वे पावरकाम के मीटर रीडरों के साथ मिलीभगत करके इसे कम करवा सकते हैं।
पावरकाम को आशंका कि पैसा लेकर खपत को कम दिखा सकते हैं कर्मचारी
पावरकाम का मानना है कि स्मार्ट मीटर लगाने जैसी योजना को तुरंत अमल में लाना जरूरी है लेकिन पंजाब कैबिनेट ने रीवेंपड डिस्ट्रब्यूशन सेक्टर स्कीम को अभी तक पारित नहीं किया है जिसके तहत हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने अनिवार्य होंगे। 25,237 करोड़ रुपये की इस योजना को मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा जाना है लेकिन उससे पहले यह योजना पंजाब कैबिनेट को पारित करनी होगी।
रीवेंपड डिस्ट्रब्यूशन सेक्टर स्कीम 7800 करोड़ रुपया खर्च करके हर घर में लगाया जाना है स्मार्ट मीटर
28 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में इसे एजेंडे के रूप में पेश किया गया लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अभी इस पर चर्चा करनी होगी उसके बाद ही इसे पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस पर बैठक करेंगे लेकिन पंद्रह दिन बीतने के बावजूद अभी तक बैठक नहीं हुई है।
पावरकाम की चिंता यह है कि रीवेंपड डिस्ट्रब्यूशन सेक्टर स्कीम में केंद्र सरकार ने ग्रांट के लिए 97 हजार करोड़ रुपये ही रखे हैं जिसमें से 13 राज्यों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट पेश करके 72 हजार करोड़ रुपए की राशि ले ली है। 28 अगस्त को एक बैठक होने जा रही है जिसमें अन्य राज्यों की ओर से पेश होने वाले प्रोजेक्ट को मंजूर करके बची हुई राशि को बांट दिया जाएगा।
स्मार्ट मीटर क्यों जरूरी
विभागीय सूत्रों का कहना है कि रीवेंपड डिस्ट्रब्यूशन सेक्टर स्कीम में 7800 करोड़ रुपये केवल स्मार्ट मीटरों पर ही लगाए जाने हैं जिसमें प्री-पेड मीटरिंग का भी एक फीचर शामिल है। उन्होंने बताया कि इसमें विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को पीक लोड के बारे में जानकारी देकर उनसे अतिरिक्त खपत वाली चीजों को बंद करने को कहा जा सकता है।
इसके अलावा जब बिजली अतिरिक्त हो तो उपभोक्ताओं से कहा जा सकता कि वे खपत को बढ़ा सकते हैं। स्मार्ट मीटर लगे होने से पावरकाम के पास हर उपभोक्ता की बिजली खपत की जानकारी उनके पास होगी जिसमें हेराफेरी नहीं की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर पर लगभग पांच से छह हजार रुपये का खर्च आएगा जिसमें से केंद्र सरकार 907 रुपये केंद्र सरकार की ओर से ग्रांट के रूप में दिए जाएंगे।
इसके अलावा 25,237 करोड़ रुपये की इस योजना में 18 हजार करोड़ रुपए बिजली वितरण के अन्य सुधारों पर खर्च किया जाना है लेकिन अभी तक पंजाब सरकार ने केंद्र को इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट नहीं भेजी है।
Comments