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हरियाणा जनशिक्षा अधिकार मंच के साथ मिलकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ चलाएगा आंदोलन


सिरसा


हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्वकर्मचारी संघ सिरसा द्वारा दो अक्तूबर गांधी जयंती के अवसर पर लघु सचिवालय जिला सिरसा पर सुबह दस बजे से सायं चार बजे तक पड़ाव डाला जाएगा । यह जानकारी देते हुए जिला प्रधान गुरमीत सिंह, जिला सचिव बूटा सिंह व जिला प्रैस सचिव कृष्ण कायत ने बताया कि ऑनलाइन स्थानान्तरण के नाम पर रेशनलाइजेशन करके हजारों पोस्टें खत्म कर दी गई हैं व मर्ज के नाम पर हजारों स्कूल बंद कर दिए गये हैं I पोस्टें कैप्ट करके अध्यापकों के दूर-दराज तबादले किये गये हैं I अतिथि अध्यापक जिनको बहुत कम वेतन देकर शोषण किया जाता है, का भी घर से 200-300 किलोमीटर दूर तबादला किया गया है I एक तरफ 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' का नारा व दूसरी तरफ ‘मर्ज’ के नाम पर सैंकड़ों कन्या माध्यमिक स्कूल ही बंद कर दिये गए हैं I हजारों स्कूलों में पोस्ट कैप्ट करने के कारण नाममात्र स्टाफ रह गया है, मजबूर होकर बच्चे स्कूल छोड़ जाएंगे फिर सरकार कम छात्र संख्या के कारण इन स्कूलों को बंद करने का फरमान जारी कर देगी । सरकार सार्वजनिक विभागों की तरह शिक्षा व सरकारी स्कूलों को भी बेचना व बंद करना चाहती है। सरकार की इस शिक्षा विरोधी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ बोलने वालों की आवाज को दबाने के लिए निलम्बन के आदेश जारी किये जा रहे हैं व मुकद्दमे दर्ज किये जा रहें हैं । सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए सभी जागरूक व संगठित तबकों को मिलकर संघर्ष करना होगा । शिक्षा व्यवस्था की हालत के लिए सिर्फ अध्यापकों, अभिभावकों व बच्चों को दोष देने से ही काम नहीं चलेगा I पूरी व्यवस्था को समझने के लिए समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को अध्ययन चिन्तन व विमर्श से अपनी चेतना को विकसित करना होगा I आज के इस दौर में व्यापक एकता के महत्व को समझते हुए अध्ययन, अध्यापन व संघर्ष के स्लोगन को आत्मसात करते हुए ब्लैक बोर्ड से सड़क तक संघर्ष चलाने होंगे I सिर्फ अध्यापक वर्ग की एकता ही नहीं बल्कि अन्य कर्मचारियों के साथ साथ मेहनतकश जनता के साथ एकता को मजबूत करना होगा I हमें कैटेगरी, जाति, धर्म व क्षेत्र आदि के नाम से एकता तोड़ने वालों की चालों से चौकस रहना होगा I इसी कड़ी में सर्वकर्मचारी संघ व जन शिक्षा अधिकार मंच व अभिभावकों के साथ मिलकर सभी जिला मुख्यालयों पर पड़ाव कार्यक्रम रखे गए हैं । इस आंदोलन की मुख्य मांगें निम्न प्रकार हैं :-

1. केंद्रीयकृत, अवैज्ञानिक तथा संविधान के मूल्यों को पोषित न करने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वापस लिया

जाए।

2. मर्ज के नाम पर बंद किए गए 4801 स्कूलों को पुन: खोला जाए और उनमें अध्यापकों को समायोजित किया जाए I

3. दूर दराज/एनिवेयर में स्थानांतरित किए गए नियमित व अतिथि अध्यापकों का शीघ्र समायोजन किया जाए।

4. व्यवहारिक रेशनलाइजेशन करते हुए 6 वर्षों से प्रतीक्षारत जेबीटी शिक्षकों के तबादले किए जाएं । 2017 में नियुक्त

जेबीटी अध्यापकों को स्थायी जिले आवंटित किये जाएँ I

5. सभी विद्यालयों में प्रत्येक विषय/कक्षा के लिए अध्यापक दिए जाएं।

6. अतिथि अध्यापकों को नियमित किया जाए व खाली पदों पर शीघ्र स्थाई भर्ती की जाए।

7. गरीबों को शिक्षा से वंचित करने वाली ‘चिराग’ योजना को वापस लिया जाए।

8. कैथल जिले के जेबीटी अध्यापक सुरेश द्रविड़ पर दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाएं I

9. एन.पी.एस. की जगह पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए I

10. शिक्षकों के पदोन्नति, एसीपी, मेडिकल प्रतिपूर्ति आदि सभी लम्बित मामले शीघ्र हल किए जाएं।

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