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हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर अब आम आदमी पार्टी में शामिल

हरियाणा।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। करीब बीस बरस तक कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहने वाले डा. अशोक तंवर दिल्ली में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें पार्टी में शामिल किया। केजरीवाल ने तंवर को एक क्षमतावन, जुझारु, योग्य नेता बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सकारात्मक राजनीति की पक्षधर है। इससे पहले तंवर पिछले नवंबर में ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। सितंबर 2019 में कांग्रेस से किनारा करने के बाद तंवर ने फरवरी 2020 में अपना भारत मोर्चा बनाया था।


गौरतलब है कि हरियाणा में इस समय विधानसभा चुनाव को करीब तीन साल जबकि लोकसभा चुनावों को अढ़ाई वर्ष का समय रहा है। यह लम्बा वक्त है। इस पूरे समय के दौरान डा. अशोक तंवर को आम आदमी पार्टी का एक मजबूत संगठन खड़ा करने में मदद मिलेगी। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा के सदस्य रहे डा. अशोक तंवर हरियाणा की राजनीति के प्रमुख किरदारों में आते हैं। उन्हें संगठन का लम्बा अनुभव है। अशोक तंवर का जन्म 12 फरवरी 1976 को झज्जर के गांव चिमनी में हुआ। डा. तंवर के पिता भारतीय सेना में रहे हैं। एक साधारण परिवार में जन्मे डा. तंवर शुरू से ही काबिल व मेहनती रहे। उन्होंने काकतिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने देश के प्रतिष्ठित संस्थान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इतिहास में एमए किया। बाद में उन्होंने एमफिल और पीएचडी की डिग्री ली। जेएनयू में अध्ययन करते वक्त ही डा. तंवर विद्यार्थी राजनीति में सक्रिय हो गए। वे कांग्रेस के विद्यार्थी संगठन नैशनल स्टूडैंट यूनियन ऑफ इंडिया के साथ जुड़ गए। साल 1999 में वे एनएसयूआई के सचिव बने और साल 2003 में वे अध्यक्ष बन गए। 29 बरस की आयु में वे युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।

साल 2009 के संसदीय चुनाव में राहुल गांधी ने उन्हें सिरसा के चुनावी मैदान में उतार दिया और उन्होंने इनैलो के डा. सीताराम को 35001 वोटों से हरा दिया। कांग्रेस हाईकमान ने फरवरी 2014 में डा. तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। इस पद पर वे सितम्बर 2019 तक रहे। करीब दो दशक तक कांग्रेस की सियासत में सक्रिय रहने के बाद 5 अक्तूबर 2019 को उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। 17 माह तक उन्होंने हरियाणा से लेकर देश के तमाम राज्यों में सियासत की नब्ज टटोली और 25 फरवरी 2021 को अपना भारत मोर्चा का गठन कर लिया। तंवर में नेतृत्व क्षमता की कौशलता का ही नतीजा रहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनावों में एनएसयूआई ने लगातार दो बार जीत की। यही नहीं वामपंथी दलों के वर्चस्व वाले जेएनयूआई में भी एनएसयूआई के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। उन्होंने एनएसयूआई में एक अध्यक्ष के नाते कई प्रयोग किए। विद्यार्थियों के हितों को लेकर आवाज बुलंद की और अनुशासन पर जोर दिया। उनकी कौशलता, जज्बे, जुनून, एनएसयूआई में उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए जनवरी 2005 में डा. अशोक तंवर को युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

29 बरस की आयु में वे युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने और इसके बाद युवा कांग्रेस ने देश की सियासत में एक नया आयाम स्थापित किया। अशोक तंवर ने ही युवा कांग्रेस आम आदमी का सिपाही की अवधारणा को लागू किया। संघर्ष, संजीदगी, सकारात्मक सोच के चलते उन्होंने युवा कांग्रेस का दायरा व्यापक किया। युवाओं को राजनीति से जोडऩे के लिए उन्होंने विशेष कार्यक्रम शुरू किए। उन्होंने सही मायने में संगठन में जनतंत्र की अवधारणा को स्थापित किया। डा. तंवर की ही दूरदर्शी सोच का नतीजा रहा कि युवा कांग्रेस में मतदान के आधार पर पदाधिकारियों का चयन करने का फार्मूला लागू किया

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