जींद | लोकसभा चुनावों की गहमा- गहमी के बीच हरियाणा से एक अनोखा मामला सामने आया है, जो चारों तरफ सुर्खियों में बना हुआ है. यहां जींद में चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए एक सरकारी टीचर ने खुद को गर्भवती महिला साबित कर दिया. जिसके बाद जिला उपायुक्त ने उसके खिलाफ जांच का आदेश जारी कर दिया है.
ऐसे हुआ खुलासा
जींद के डाहौला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पीजीटी हिंदी शिक्षक सतीश कुमार ने खुद को गर्भवती महिला दिखाकर चुनाव से ड्यूटी हटवा ली. यह खुलासा तब हुआ जब शिक्षक की कहीं भी डयूटी नहीं लगी और सॉफ्टवेयर ने गर्भवती महिला होने पर डाटा नहीं उठाया, जबकि विद्यालय द्वारा जिला प्रशासन के पास भेजे गए कर्मचारियों के डाटा में शिक्षक सतीश कुमार को न केवल महिला कर्मचारी दर्शाया बल्कि उसे गर्भवती होना भी दर्शाया गया था.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
यह मामला जब जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी मोहम्मद इमरान रजा के समक्ष आया, तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से जांच कमेटी गठित कर दी. इस मामले को निर्वाचन आयोग और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के पास भी भेजा जाएगा. डीसी ने वीरवार को इस मामले में सीधे रूप से जुड़े पीजीटी सतीश कुमार, प्राचार्य अनिल कुमार और कंप्यूटर ऑप्रेटर मंजीत को अपने कार्यालय में तलब कर उनसे मामले के बारे में यह पूछा लेकिन तीनों ने इसमें अपनी अनभिज्ञता जाहिर की. डीसी ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
अधिकारी ने कही ये बात
लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्वक ढंग से करवाने के लिए छोटे कर्मचारी से लेकर अधिकारी की अहम भूमिका होती है. यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए गैर जिम्मेदाराना या गलत रास्ता अपनाते हैं, तो वह ड्यूटी में लापरवाही और कोताही मानी जाती है. ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई होती है. मोहम्मद इमरान रजा, जिला निर्वाचन अधिकारी, जींद.
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