Breaking News
top of page
Writer's pictureNews Team Live

2021 में खराब हुई नरमे की फसल की गिरदावरी में अनियमताओं को लेकर विधायक ने उठाये सवाल

भविष्य में खराब फसल के आंकलन के लिए बनाई जाने वाली टीम में संबंधित गांव की पंचायत व किसान संगठन के सदस्यों को भी किया जाए शामिल:अमित सिहाग


डबवाली

चल रहे विधानसभा सत्र में हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने प्रश्नकाल के दौरान वर्ष 2021में गुलाबी सुंडी एवम बेमौसमी बरसात के चलते खराब हुई नरमे की फसल की गिरदावरी में भारी अनियमताओं व किसानों को उचित मुआवजा न मिलने के मुद्दे को सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से समक्ष उठाया।

सिहाग ने कहा कि ये समस्या विधानसभा में बैठे हम जैसे किसानों या फिर उनके लिए जिनके पास आय के अन्य साधन हैं उनके लिए गंभीर नही है, लेकिन उनके लिए बहुत गंभीर समस्या है जो सिर्फ खेती पर निर्भर हैं और जिनकी एक फसल बर्बाद होने पर उन्हें दूसरी फसल की बीजांत करना व खुद का गुजारा करना भी मुश्किल हो जाता है।उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा गत दिवस दिए गए भाषण जिसमे उन्होंने कहा था कि "सरकार का फोकस अंतिम श्रेणी के अंतिम बंदे को सबसे पहले लाभ पहुंचाने वाला है" का हवाला देते हुए कहा कि ये वो अंतिम श्रेणी के अंतिम लोग हमारे किसान ही हैं जो अपने हकों के लिए धरनारत हैं।

सिहाग ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने खुद एक प्रश्न के विषय मे जवाब दिया था कि 28 फरबरी 2022 तक 134000 किसान हैं जिनको अभी 2021की फसल का मुआवजा नही मिला है।उन्होंने कहा कि हल्का कालांवाली के 55 गांवों की खराब फसल का मुआवजा देने की बात सरकार कहती है, लेकिन उसी हल्के के साथ लगते डबवाली हल्के के केवल 9 गांवों में ही खराब फसल का मुआवजा देने की बात कही गयी है जबकि इसके इलावा एक दर्जन से ज्यादा गांव और हैं जहाँ फसल को भारी नुकसान हुआ पर वहां केवल 23 प्रतिशत नुकसान दिखाकर सरकार किसानों से उनका हक छीनने का काम कर रही है।उन्होंने सरकार से सवाल किया कि सरकार के पास ऐसा कौन से पैमाने हैं जिनके आधार पर सरकार 25 प्रतिशत और प्रतिशत 23 नुकसान में अंतर बता सके?सिहाग ने कहा कि ये 23 प्रतिशत नुकसान दिखाना साबित करता है कि ये जानबूझकर किसानों का हक छीना जा रहा है।

विधायक ने कहा कि सरकार मानती है कि आंकलन में छोटी मोटी अनियमताएँ हो जाती हैं ऐसे में सरकार के पास कोई ऐसा मापदंड है कि अगर खराब फसल की गिरदावरी में अनियमता हो जाये तो किसानों को बिना धरना प्रदर्शन किए बनता मुआवजा दिया जा सके?विधायक के सवाल पर जवाब देने से बचते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा दिया गया है इसके लिए विपक्ष को सरकार का धन्यवाद करना चाहिए और 23 प्रतिशत मुआवजा देने का नियम पहले का बना हुआ है। जिस पर विधायक ने कहा कि विपक्ष सरकार का धन्यवाद इस लिए करे कि 134000 किसानों में से केवल 10000 किसानों को मुआवजा दिया गया है वो भी करीब एक वर्ष बीत जाने के बाद?उन्होंने सरकार को खुद की पीठ थपथपाने की जगह हर उस किसान को मुआवजा देने की बात कही जिसकी फसल खराब हुई हो।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष खराब हुई फसल के नुकसान का आंकलन करने का कोई तरीका उपलब्ध नही है।इसपर अमित सिहाग ने कहा कि सरकार ने जो वीडियोग्राफी करवाई थी उसको देख कर या फिर उस अनाज मंडी से जिस में किसानों ने फसल बेची हो वहां से रिकॉर्ड निकाल कर देखा जा सकता है कि पिछली बार से कितनी कम फसल किसान की मंडी में आई है।ऐसा करके सरकार आंकलन कर सकती है।विधायक ने कहा कि भविष्य में अगर आंकलन में कोई कोताही होती है तो क्या उसके लिए सरकार ने कोई रास्ता निकाला है?इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार तकनीक का सहारा लेगी।सिहाग ने मांग रखी कि भविष्य में अगर कोई फसल खराब होती है तो जब सरकार गिरदावरी करवाती है तो उस वक्त संबंधित किसान और गांव के प्रतिनिधि को भी साथ रखा जाए ताकि कोई कोताही न हो और किसानों में सरकार के प्रति विश्वास पैदा हो सके।

Comments


bottom of page