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तहसीलदार, पटवारी सहित 8 के खिलाफ धोखाधड़ी के दो केस, जानें पूरा मामला


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गुड़गांव,

सोहना के गांव तोलनी में जमीन बेचने के नाम पर धोखाड़ी करने का मामला सामने आया है। अदालत के आदेश पर दो अलग-अलग मामलों में तत्कालीन तहसीलदार, पटवारी सहित बिल्डर कंपनी के डायरेक्टर समेत आठ लोगों के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए हैं। आरोप है कि बिल्डर ने उन्हें प्रकृति की गाेद में लग्जरी फार्म हाउस देने के नाम पर करोड़ों रुपए ऐंठ लिए और तहसीलदार और पटवारी से साठ-गांठ कर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा दी। जांच के दौरान ज्यादातर दस्तावेज फर्जी निकले। उनके द्वारा खरीदी गई जमीन को जब अपने अधीन लेने के लिए बाउंड्री कराई गई तो डीटीपी विभाग की टीम ने यह बाउंड्री भी तोड़ दी।

पुलिस के मुताबिक, अमित बांगा और सुरवीन भल्ला ने बताया कि साल 2020 और 2021 में मैसर्स गोल्डस्किट डेवलपर्स ने उनसे संपर्क किया था। उन्होंने बताया था कि सोहना के गांव तोलनी में वह एक प्रोजेक्ट बना रहे हैं जिसमें लग्जरी फार्म हाउस बनाकर दिए जाने की बात कही गई। इसके लिए उन्होंने संबंधित विभागों से अनुमति संबंधित दस्तावेज होने और सभी औपचारिकताएं पूरी होने की बात कही। 

आरोप है कि जब वह बिल्डर से तय किए गए करोड़ों रुपए का भुगतान करने बाद रजिस्ट्री कराने पहुंचे तो उनकी रजिस्ट्री पर कृषि योग्य भूमि करके रजिस्ट्री कराई गई। जब कृषि योग्य भूमि न होने की बात कही गई तो बिल्डर ने उन्हें कहा कि वह एनआरआई हैं और उन्हें वापस सिंगापुर जाना है। ऐसे में तुरंत ही रजिस्ट्री करा लें। आरोप है कि आनन फानन में उनकी रजिस्ट्री करा दी गई। इसके बाद जब वह अपनी जमीन पर बाउंड्री करा रहे थे तो डीटीपी ने उनकी बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया। इस पर उन्होंने बिल्डर द्वारा दिए गए दस्तावेज उन्हें दिखाए तो पता लगा कि यह सभी दस्तावेज फर्जी हैं और बिल्डर पर साल 2022 में बिना अनुमति प्लॉटिंग करने का केस भी दर्ज है।

 उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह अपनी शिकायत लेकर तहसीलदार के पास गए तो भी उनके द्वारा भी इसमें उनकी कोई सहायता नहीं की गई। आरोप है कि बिल्डर के इस प्रोजेक्ट के लिए जो नक्शा व अन्य दस्तावेज बनाए थे उसमें स्थानीय पटवारी ने फर्जी तरीके से बिल्डर को बनाकर दिए थे। आरोप लगाया कि बिल्डर ने तहसीलदार और पटवारी के साथ मिलकर उनके साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर प्लाॅट बेचे हैं। उन्होंने मामले में पुलिस को शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने अदालत की शरण ली।

 अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए डीएलएफ फेज-2 थाना पुलिस को केस दर्ज कर मामले में जांच करने के आदेश दिए। पुलिस के मुताबिक, मामले में मैसर्स गोल्डस्किट डेवलपर्स व उसके डायरेक्टर हरि दास गुप्ता, उनकी पत्नी राज बाला, भाई बलवान सिंह, ब्रह्म प्रकाश सहित तत्कालीन तहसीलदार शिखा गर्ग, पटवारी असगर सहित एक अन्य व्यक्ति राजेश कुमार गुप्ता को नामजद करते हुए धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। 

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