फर्जी शादियों का मास्टर माइंड : रेशम का जाल
- News Team Live
- Jun 7
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पिता कर्ज में डूबे तो बेच दी जमीन, आरोपी पर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में दर्ज हैं कई केस
डबवाली। फर्जी शादी करवाने वाले रेशम सिंह के बारे में बड़े-बड़े खुलासे सामने आए हैं। रेशम सिंह का फर्जी शादी करवाने का धंधा शुरू करने की भी अपनी रोचक कहानी है। भैंस, गाय और बकरी चोरी से शुरू हुआ रेशम सिंह का आपराधिक सफर फर्जी शादी तक बड़ी तेजी से पहुंच गया।
रेशम सिंह की शादियों में दुल्हन से लेकर उसके मायके वाले संबंधी आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोग होते थे। रेशम का लंबा चौड़ा आपराधिक रिकॉर्ड होने के कारण आसानी से उसने इस तरह के लोगों के ग्रुप को खड़ा कर लिया। जहां लड़कियां आपराधिक मामलों में लिप्त होतीं थी। वहीं, कुछ जिस्म फरोसी के धंधे से जुड़ी हुई लड़कियां होतीं थी, जो आसानी से कम दाम में नकली शादी के लिए तैयार हो जातीं थी।
पुलिस पूछताछ में रेशम सिंह ने पांच फर्जी शादी करवाने की बात कबूल की है। ये शादियां गुहाना, सिवानी, अंबाला, जगाधरी, डबवाली में करवाई हैं। इसके अलावा भी कई अन्य जगह पर रेशम सिंह ने शादियां करवाई हैं। उसने 2016 में पहली बार बीकानेर (राजस्थान) से फर्जी शादी करवाने का धंधा शुरू किया था।
बीकानेर जिले के कोलायत थाना प्रभारी लखबीर सिंह ने बताया कि रेशम सिंह का लंबा चौड़ा आपराधिक रिकॉर्ड है। उस पर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में चोरी, लूट, नशा बेचने, फर्जी शादी करवाने के कई मामले दर्ज हैं। कोलायत थाना प्रभारी लखबीर सिंह ने बताया कि वीरवार को
तीन दिन का रिमांड पूरा होने पर पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया। आरोपी रेशम सिंह हाल में डबवाली में नाम बदल कर रह रहा था। आरोपी ने फर्जी शादी की पांच से छह वारदातें कबूली हैं।
धोखाधड़ी करने पर गया जेला, फिर शुरू किया खेल
जानकारी के अनुसार, रेशम सिंह पंजाब के बठिंडा जिले के तहसील रामपुरा फुल के गांव मेहराज पट्टी खुर्द का रहने वाला है। उसके पिता खेतीबाड़ी करते थे। पिता पर कर्ज ज्यादा होने के कारण उसने जमीन बेच दी। इससे घर की आर्थिक हालत बेहद ज्यादा खराब हो गई। रेशम सिंह काम के लिए इधर-उधर घूमने लगा। पहली बार रेशम सिंह पर हनुमानगढ़ जंक्शन में 2004 में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। इस मामले में राजस्थान कोर्ट ने रेशम सिंह को सजा सुनाई। सजा के बाद जमानत पर आने के बाद धीरे धीरे वह पूरी तरह से अपराध की दुनिया में आ गया। पुलिस के सामने आरोपी के 16 से 17 मामले सामने आए हैं। इस संबंध में अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं।
रेशम सिंह ऐलनाबाद, डबवाली, पंजाब के अबोहर क्षेत्र में चोरी व लूट की वारदातों में सक्रिय रहा। वर्ष 2006 में पहली बार पशु चोरी का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद उसने निरंतर चोरी की वारदातों को अंजाम दिया। पशु चुराते चुराते रेशम सिंह बाइक चोर बना। उसके बाद वर्ष 2013 में हनुमानगढ़ में पिकअप लूटी। इसमें रेशम सिंह को सजा हुई। इतना ही नहीं, वर्ष 2017 में रेशम सिंह पर बठिंडा में चोरी का मुकदमा दर्ज है। वहीं, वर्ष 2018 में दो बठिंडा और एक जालंधर में एनडीपीएस का केस दर्ज है।
जिसका जितना काम उसको उतना पैसा
रेशम सिंह के हाथ में जैसे ही पैसा आता था, वह साजिश में शामिल हर किसी को उसका पैसा दे देता था। लड़की को पांच से सात हजार, उसके माता पिता को तीन से चार हजार रुपये व अन्य लोगों को भी पैसा देता था। एक मोटी रकम उसके पास बच जाती थी। इतना ही नहीं, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बनाने के लिए भी अपने जुर्म के दोस्तों की मदद लेता था, जो उसके यह नकली दस्तावेज बनाकर देते थे। सभी लोग पैसे व अपनी जरूरतों के चलते इस फर्जीवाड़े में शामिल होते थे। अब तक इसमें शामिल चार लोग गिरफ्तार हो चुके है। इसमें दो लड़कियां, फर्जी बाप और भाई शामिल है।
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