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-संतानों की नालायकी के कारण खोलने पड़ रहे वृद्धाश्रम धरती पर अभिशाप हैं: सुदक्षा जी महाराज



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डबवाली


जैन महासाध्वी सुदक्षा जी महाराज ठाणे-5 आज शनिवार सुबह डबवाली से विहार कर संगरिया के लिए रवाना हो गए। जैन साध्वियों नें जैन स्थानक से चल कर तेरापंथ जैन सभा के प्रधान बलदेव गर्ग के हुड्डा कॉलोनी में स्थित निवास पर ठहरे एवं बाद में वहां से मानव कल्याण के लिए अगली मंजिल की तरफ विहार पर निकल गए। इस दौरान काफी संख्या में जैन श्रद्धालुओं व अन्य लोगों ने सभी साध्वियों को भावभीनी विदाई दी। महासाध्वी ने मंगल पाठ कर सुनाकर सभी के लिए मंगलमय जीवन की कामना की।  


जैन स्थानक पर अपने अंतिम प्रवचनों में महासाध्वी सुदक्षा जी महाराज ने कहा कि जब बारिश आ रही हो तो छाता उसे रोक नहीं सकता लेकिन हमें बारिश में खड़े रहने की हिम्मत दे देता है। उसी तरह सत्संग जिंदगी में आने वाले दुखों को तो नहीं रोक सकता लेकिन हमें दुखों में भी जिंदगी जीने का तरीका सिखा देता है और दुखों को सहन करने की शक्ति भी दे देता है। उन्होंने कहा कि जीवन में आने वाले दुख तो जीवन में सभी को सहने पड़ते हैं जैसे भगवान श्री राम जी ने सहे, भगवान महावीर स्वामी ने भी सहे। जीवन में धर्म के साथ जुड़े रहना बहुत जरूरी है। जो लोग सत्संग में जाते हैं और प्रवचन सुनकर अपने जीवन में उतारते हैं वे सब भी जीवन जीने का तरीका सीख लेते हैं और सहनशील व संयमी हो जाते हैं।


महासाध्वी ने भावुक कर देने वाली एक सत्य घटना का वृतांत सुनाते हुए सभी को अपने माता पिता का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि माता पिता हमारा पालन पोषण करते हैं, पढ़ाते लिखाते हैं, संस्कार देते हैं एवं खुद कष्ट सहकर भी हमें इस काबिल बनाते हैं कि जीवन में कुछ करके दिखा सकें। हम पुण्यवान हैं कि हमें माता पिता मिलते हैं। लेकिन आज के दौर में लोग माता पिता के प्रति अपने फर्ज भूल रहे हैं। बड़े होने के बाद हमें माता पिता ही बोझ दिखाई देने लगते हैं। आज कल जगह-जगह जो वृद्धाश्रम खुल रहे हैं वे वरदान नहीं बल्कि धरती पर अभिशाप हैं। संतानों की नालायकी के कारण ही वृद्धाश्रम खोलने पड़ रहे हैं। महासाध्वी ने कहा कि अपने माता पिता का अनादर करने वाले लोग जिंदगी कभी भी सफलता हासिल नहीं करते। हमें याद रखना चाहिए  कि जो कुछ भी हैं अपने माता पिता की बदौलत हैं। इसलिए जिंदगी में हम जो भी उपलब्धियां हासिल करते हैं उसका श्रेय अपने माता पिता को देना चाहिए। सदैव उनका सम्मान व सेवा करनी चाहिए। उन्होंने समझाया कि माता पिता की बुढ़ापे में सेवा करना अनेक तीर्थों पर जाने के समान माना जाता है।  


जैन सभा के प्रधान सुभाष जैन पप्पी, महामंत्री राजेश जैन व कोषाध्यक्ष शम्मी जैन ने महासाध्वी सुदक्षा जी महाराज ठाणे-5 के डबवाली प्रवास के दौरान जैन स्थानक के साथ जुड़े रहे शहरवासियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों व अन्य सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया। 


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