11 दिनों से पानी की टंकी पर चढ़े हैं किसान और अब 16 अगस्त को राष्ट्रीय राजमार्ग करेंगे जाम
- News Team Live
- Aug 15, 2023
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सिरसा जिला के गांव नारायणखेड़ा में पिछले 11 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर पानी की 110 फुट ऊंची टंकी पर चढ़े हुए हैं और अब इन किसानों ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान न दिया तो वे 16 अगस्त को सिरसा-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग को गांव भावदीन के पास जाम कर देंगे। उल्लेखनीय है कि 2022 में नाथूसरी चोपटा खंड के कई गांवों में नरमे की फसल को नुक्सान पहुंचा था।

फसल की गिरदावरी भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिला है। बीमा क्लेम की राशि न मिलने से गुस्साए किसान 11 दिन पहले गांव नारायणखेड़ा की टंकी पर चढ़ गए और अनेक गांवों के किसान जलघर परिसर में धरना दिए हुए हैं। अब किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि 16 अगस्त तक बीमा क्लेम की राशि नहीं मिली तो उसके बाद वे गांव भावदीन में नैशनल हाइवे पर बने टोल प्लाजा के पास रास्ता अवरुद्ध करते हुए जाम लगा देंगे।गौरतलब है कि सिरसा जिला प्रदेश का प्रमुख नरमा उत्पादक जिला है। साल 2022 में भी सिरसा जिला में करीब सवा दो लाख हैक्टेयर में नरमा की काश्त की गई।
मानसून में तेज बरसात के चलते सिरसा जिला में नरमा की फसल को भारी नुकसान हुआ था। इस वजह से उत्पादन भी न के बराबर हुआ। प्रति एकड़ औसतन 2 से 3 क्विंटल ही उत्पादन हो सका। इसको लेकर प्रशासन की ओर से विशेष गिरदावरी भी करवाई गई। कुल 337 गांवों में से करीब 273 गांवों में बीमा कंपनी ने गलत क्रॉप कटिंग का हवाला देते हुए किसानों को मुआवजा ही नहीं दिया। कंपनी की ओर से निश्चित अवधि में किसानों से प्रीमियम पहले ही ले लिया जाता है। सिरसा जिला में करीब 641 करोड़ रुपए की बीमा राशि बकाया है। ऐसे में बीमा क्लेम की मांग को लेकर सबसे पहले पैंतालिसा क्षेत्र से आवाज उठी और नारायणखेड़ा के किसानों ने आंदोलन करने का बिगुल बजा दिया।
11 दिन पहले गांव नारायणखेड़ा के किसान भरत सिंह, नाथूसरी से जे.पी., शक्कर मंदौरी से दीवान सहारण एवं नरेंद्र सहारण गांव के जलघर में बनी करीब 110 फुट ऊंची टंकी पर चढ़ गए। तब से यह किसान टंकी पर चढ़े हुए हैं। किसानों की सिरसा जिला के उपायुक्त पार्थ गुप्ता से भी वार्ता हुई, लेकिन किसान मुआवजा देने की जिद्द पर अड़े हैं। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर भी पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। किसानों का स्पष्ट कहना है कि जब उनका प्रीमियम हर बार तय तारीख पर काट लिया जाता है, तो मुआवजा भी समय पर दिया जाना चाहिए।






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