सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- हाईवे-सड़कों से आवारा पशु हटाएं: हॉस्पिटल, बस स्टैंड से आवारा कुत्ते पकड़ें
- News Team Live
- Nov 7
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों से जुड़े एक मामले में कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला अब पूरे देश में लागू होगा। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों से आवारा पशुओं को हटाया जाए। इसके साथ ही अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेज परिसरों में आवारा कुत्तों से सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने के भी निर्देश दिए गए।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को दोबारा उसी जगह पर नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की बेंच ने की।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और तीन हफ्तों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट व हलफनामा दाखिल करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
गौरतलब है कि तीन महीने पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने संबंधित सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था और यह भी कहा था कि कार्रवाई में बाधा डालने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।
कोर्ट के आदेश की प्रमुख बातें
हेल्पलाइन नंबर:सभी नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं की मौजूदगी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे।
मुख्य सचिवों की जिम्मेदारी:सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, तीन हफ्तों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर करना होगा।
संवेदनशील स्थानों की पहचान:राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश दो हफ्तों में ऐसे सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों की पहचान करेंगी, जहां आवारा जानवर या कुत्ते घूमते हैं। इन परिसरों में उनकी एंट्री रोकने के लिए बाड़ लगाई जाएगी।
निगरानी और रखरखाव:रखरखाव के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नगर निगम, नगर पालिका और पंचायतें हर तीन महीने में कम से कम एक बार इन परिसरों की जांच करेंगी।
आवारा कुत्तों की वापसी पर रोक:पकड़े गए आवारा कुत्तों को दोबारा उसी जगह पर नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।








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